जानकारी के अनुसार, संबंधित विभाग गार्डेन की इस अरजी को गृह मंत्रालय के हवाले किया है. जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय ने इस अरजी पर मुहर लगा दी है. दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत में यहां सीआइएसएफ की एक कंपनी तैनात हो जायेगी. 220 साल के गार्डेन के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब केंद्रीय बल के जवान यहां मुस्तैद होंगे.
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बी-गार्डेन की सुरक्षा करेगा सीआइएसएफ
हावड़ा: शिवपुर स्थित इंडियन बोटेनिकल गार्डेन को बहुत जल्द सीआइएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सेक्यूरिटी फोर्स) के हवाले किया जायेगा. बताया जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक सीआइएसएफ की तैनाती यहां कर दी जायेगी. बोटेनिकल गार्डेन में आये दिन हो रही अपराधिक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए गार्डेन प्रबंधन ने केंद्रीय पर्यावरण व […]
हावड़ा: शिवपुर स्थित इंडियन बोटेनिकल गार्डेन को बहुत जल्द सीआइएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सेक्यूरिटी फोर्स) के हवाले किया जायेगा. बताया जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक सीआइएसएफ की तैनाती यहां कर दी जायेगी. बोटेनिकल गार्डेन में आये दिन हो रही अपराधिक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए गार्डेन प्रबंधन ने केंद्रीय पर्यावरण व वन विभाग से यहां सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सीआइएसएफ जवानों को तैनात करने की अरजी दी है.
273 एकड़ जमीन पर फैला है गार्डेन : बोटेनिकल गार्डेन 273 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है. यहां करीब 15 हजार पेड़-पौधे व 24 झील है. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था यहां के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. गार्डेन के मुख्य द्वार के पास सिटी पुलिस की एक चौकी है. गार्डेन प्रबंधन के अनुसार हावड़ा सिटी पुलिस को 60 लाख रुपये सालाना देने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है. चौकी में एक एसआइ, एक एएसआइ सहित 26 पुलिस वालों की तैनाती होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है. चौकी में छह से सात कांस्टेबल ही तैनात रहते हैं.
केंद्र सरकार से मिलता है सालाना 12 करोड़ : केंद्र सरकार से गार्डेन प्रबंधन को सालाना 12 करोड़ रुपये मिलते हैं, जिसमें 90 फीसदी खर्च कर्मचारियों के वेतन आैर पेड़-पौधौं के रखरखाव पर होता है. शेष 10 फीसदी रकम गार्डेन के अन्य कामों पर खर्च की जाती है. गार्डेन की सुरक्षा के लिए एक निजी संस्था से 24 सुरक्षा गार्ड रखे गये हैंय ये गार्ड आठ की संख्या में तीन शिफ्ट में काम करते हैं. 273 एकड़ जमीन पर फैले इतने बड़े गार्डेन की सुरक्षा के लिए महज आठ गार्ड व कुछ पुलिस कांस्टेबल की संख्या बेहद कम है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए गार्डेन प्रबंधन ने केंद्रीय बल तैनात करने की अरजी दी है.
वर्ष 2000 के बाद हुईं अपराधिक घटनाएं : वर्ष 2000 के बाद यहां दो हत्या, दो बलात्कार, एक आत्महत्या की घटना हुई है. पिछले महीने नौ अगस्त को भी छिनताई की एक घटना हुई ती. बेंगलुरू से आयी एक महिला शोधकर्ता का चेन छीना गया था. छेड़खानी की घटनाएं यहां अक्सर होती है. आंकड़ों पर गौर करें तो रोजाना यहां तीन से चार हजार पर्यटक पहुंचते हैं, जबकि विशेष दिन में यह संख्या 10 हजार पार कर जाती है. प्रबंधन का मानना है कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद निश्चित रूप से सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होगी.
दिसंबर अंत तक या जनवरी की शुरुआत में यहां सीआइएसएफ जवान तैनात हो जायेंगे. गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है. फिलहाल हमलोग हावड़ा सिटी पुलिस पर ही आश्रित है. सालाना 60 लाख रुपये सिटी पुलिस को दिये जाते हैं, लेकिन जरूरत के मुताबिक पुलिस की तैनाती चौकी में नहीं रहती है. गार्डेन के अंदर दो वॉच आैर एक मोबाइल टॉवर के साथ 20 नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जायेंगे.
डॉ अरविंद प्रमाणिक, डायरेक्टर, इंडियन बोटेनिकल गार्डेन.
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