सिलीगुड़ी. डेंगू के बाद अब इन्सेफलाइटिस ने भी अपनी पारी शुरू कर दी है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के नक्सलबाड़ी इलाके में इन्सेफलाइटिस का एक मरीज पाया गया है. इन्सेफलाइटिस से पीड़ित युवक राजू राई उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती है. परिवार वालों ने मेडिकल प्रबंधन पर ठीक से इलाज ना करने का […]
सिलीगुड़ी. डेंगू के बाद अब इन्सेफलाइटिस ने भी अपनी पारी शुरू कर दी है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद के नक्सलबाड़ी इलाके में इन्सेफलाइटिस का एक मरीज पाया गया है. इन्सेफलाइटिस से पीड़ित युवक राजू राई उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती है. परिवार वालों ने मेडिकल प्रबंधन पर ठीक से इलाज ना करने का आरोप लगाया है. जबकि मेडिकल प्रबंधन ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार राजू राई पिछले कई दिनों से ज्वर से पीड़ित था. दक्षिण नक्सलबाड़ी इलाका निवासी राजू के परिवार वालों ने उसे स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ केंद्र में पहुंचाया. वहां की चिकित्सा से उसकी स्थिति में सुधार ना होने पर चिकित्सकों ने उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रेफर कर दिया. परिवार वालों ने उसे फौरन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया.
उसके खून में इन्सेफलाइटिस के जीवाणु पाये गये हैं. परिवार वालों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में मरीज की चिकित्सा ठीक से नहीं की जा रही है. समय पर डॉक्टर भी नहीं आते हैं. उसे दवाई व सेलाइन भी समय पर नहीं दिया जा रहा है. इसके खिलाफ परिवारवालों ने अस्पताल अधीक्षक से भी शिकायत की है.
खून में जेई के जीवाणु पाये गये
मेडिकल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार राजू के खून में जापानी इन्सेफलाइटिस (जेई) के जीवाणु पाये गये हैं. इन्सेफलाइटिस मिलते ही उसकी चिकित्सा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. परिवार वालों के आरोपों की भी जांच की जायेगी. इस संबंध में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने बताया कि वर्तमान में डेंगू पीड़ितों की संख्या 20 के करीब है. सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके में इन्सेफलाइटिस का पहला मामला सामने आया है. मरीज के खून में जेई के जीवाणु पाये गये हैं. बीते 24 अगस्त को ही डेंगू व इन्सेफलाइटिस आदि महामारियों को लेकर स्वास्थ विभाग के साथ बैठक की गयी है. स्वास्थ कर्मी, पंचायत सदस्य, आईसीडीएस व आशा कर्मचारियों को घर-घर जाकर सतर्क करने के काम पर लगाया गया है. इलाके की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.