सिलीगुड़ी. पेयजल की समस्या को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम की बैठक स्थगित हो गयी. पेयजल समस्या को लेकर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने विरोधी दलों के साथ एक बैठक बुलायी थी. जबकि निगम के विरोधी नेता तृणमूल कांग्रेस के रंजन सरकार को बैठक की चिठ्ठी नहीं मिली. दूसरी तरफ कांग्रेस दल के प्रतिनिधि पार्षद सुजय घटक डेंगू से पीड़ित है. भाजपा की दो पार्षदों में से एक मालती राय भी अस्वस्थ है. जिसकी वजह से आज की बैठक को स्थगित कर दिया गया. मेयर ने जल्द ही अगली तारीख तय कर इस समस्या पर बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है.
कई दिनों से सिलीगुड़ी शहर पेयजल को तरस रहा है. फूलबाड़ी ट्रीटमेंट प्लांट से पेयजल आपूर्ति के पाइपलाइन में लीकेज पाये जाने से यह समस्या उत्पन्न हुयी है. दूसरी तरफ फूलबाड़ी में एशियन हाइवे की वजह से पेयजल का पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुआ है. लोक स्वास्थय अभियांत्रिकी (पीएचई) द्वारा पिछले सात दिनों से लीकेज की मरम्मती जारी है.
सोमवार से सिलीगुड़ी शहर में पेयजल आपूर्ति शुरू हुयी है. लेकिन शहर के अधिकांश हिस्सों में पानी की किल्लत है. सोमवार सुबह भी सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 1, 2, 8, 46, 42 43 आदि कई इलाकों में लोग घंटो चौराहे पर नगर निगम के नलके के सामने खड़े रहे लेकिन प्यास नहीं बुझी. हांलाकि कि मेयर और पेयजल आपूर्ति मेयर परिषद सदस्य के मुताबिक सोमवार सुबह एक पंप ने काम करना शुरू कर दिया है. कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति की गयी है. दो पंप नहीं चलाये जाने की वजह से दबाव नहीं बन पा रहा है. मंगलवार सुबह से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हेने की उम्मीद जतायी गयी है. यहां बता दे कि यह तो बस ट्रेलर है. शहर में पेयजल संकट की पूरी फिल्म बाकी है. एशियन हाइवे की महासड़क गुजरने की वजह से फूलबाड़ी इलाके में पेयजल पाइप लाइन को स्थानांतरित करने की नौबत आन पड़ी है. लेकिन इस कार्य के लिए पीएचई को सात दिन का समय चाहिए. कार्य के दौरान शहर में पेयजल आपूर्ति बंद रखने की पेशकश पीएचई ने की है. पीएचई का कहना है कि पाइप लाइन स्थानांतरित करने के बाद समस्या का स्थायी समाधान हो जायेगा. इसी समस्या पर विचार करने के लिए मेयर ने विरोधी दलों के साथ सोमवार की दोपहर तीन बजे से निगम के सभागार में एक बैठक बुलायी थी. इस बैठक में उपस्थित होने के लिए निगम के सभी विरोधी दलों को मेयर ने चिट्ठी भेजी थी. जबकि विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा का आरोप है कि बैठक से संबंधित कोई भी पत्र उन्हें नहीं मिली. विरोधी पक्षों से विचार-विमर्श के बिना ही वामो बोर्ड ने पेयजल समस्या को लेकर निर्णय ले लिया है. फिर बैठक का कोई औचित्य नहीं है. दूसरी तरफ निगम के आठ नंबर भाजपा पार्षद खूशबू मित्तल ने भी बैठक से संबंधित पत्र नहीं मिलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पिछले दो दिन से वार्ड में पेयजल की भारी किल्लत है. इस समस्या को लेकर बुलायी गयी बैठक में वे अवश्य शामिल होती, लेकिन उन्हें पत्र नहीं मिला. वहीं निगम की भाजपा दल की नेता तथा 1 नंबर वार्ड पार्षद मालती राय बीमार हैं. निगम के कांग्रेस परिषदीय दल के नेता सुजय घटक स्वयं डेंगू से पीड़ित है.
विपक्ष के नेता के घर पर गया पत्र : मेयर
इस संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार के घर तक पत्र पहुंचाया गया है. उनके परिवार के किसी सदस्य ने पत्र को प्राप्त किया है. हो सकता है कि उन तक पत्र ना पहुंचा हो. दूसरी तरफ कांग्रेस के सुजय घटक व भाजपा की मालती राय अस्वस्थ हैं. जिसकी वजह से आज की बैठक स्थगित कर दी गयी है. शीघ्र ही अगली तिथि निर्धारित की जायेगी. यह समस्या काफी गंभीर है और सभी के सहयोग की आवश्यकता है. इस समस्या को लेकर कोलकाता में पीएचई मंत्री सुब्रत बनर्जी के साथ मेयर की चर्चा हुयी थी. मेयर ने आज उन्हें एक पत्र भी लिखा है. मंत्री को लिखे पत्र में मेयर ने पाइप लाइन स्थानांतरण का कार्य जल्द समाप्त कराने के साथ एक समानांतर लाइन बनाने की बात कही है.उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को जानेवाली अतिरिक्त पेयजल को शक्तिगढ़ इलाके में मुहैया कराने की भी पेशकश उन्होंने की. इसके लिए पीएचई ने परियोजना का डीपीआर भी तैयार कर रखा है. पिछले कई वर्षों से अटकी पड़ी 348 करोड़ की पेयजल परियोजना का कार्य भी शुरू कराने की भी मांग मेयर ने की.
पानी के लिए हाहाकार की आशंका
यहां बता दे कि सिलीगुड़ी नगर निगम के पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर शहर की अधिकांश जनसंख्या निर्भर है. करीब 35 हजार लोगों के घरों में पेजयल का कनेक्शन है. निगम इलाके में 18 सौ से अधिक स्ट्रीट स्टैंड पोस्ट है. सात दिन के लिए पेयजल आपूर्ति बंद होने से पूरे शहर में पानी के लिए हाहाकार मचने की संभावना है. इसके लिए निगम ने पीएचई से प्रतिदिन तीन हजार पानी का पाउच व 5 टैंकर मांगा है. निगम के पास 12 टैंकर उपलब्ध है. मेयर 47 वार्ड के नागरिकों की प्यास तीन हजार पाउच व 17 टैंकर से बुझाने की तैयारी में है. इस संबंध में मेयर ने कहा कि सिलीगुड़ी की वर्तमान पेयजल परियोजना तत्कालीन तीस वार्डों को ध्यान में रखकर बनाया गया था. 17 और वार्ड शामिल होने से पेयजल की मांग काफी बढ़ गयी है. इस परियजोना से पूरे शहर की प्यास बुझाना संभव नहीं है. एक नयी परियोजना की सख्त जरूरत है. जिसके लिए पीएचई मंत्री से आवेदन किया गया है.