इनमें से कोई आंखों से नहीं देख पाता है, तो कोई पैरों से चल नहीं पाता है. माता-पिता के गुजरने के बाद माया सरकार ही इन भाइयों के लिए सबकुछ हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपनी शादी तक नहीं की. आखिर वह किसके भरोसे इन भाइयों को छोड़े. अपने भाइयों को नहलाने से लेकर खिलाने तक सारे काम दीदी को ही करना पड़ता है.
माया सरकार की तकलीफों का यहीं पर अंत नहीं है. इनकी दो भतीजीयां रूम्पा व धूम्पा भी इन्हीं की शरण में है. अब ये दोनों लड़कियां विवाह योग्य हो गई हैं. लेकिन उन्हें इनके विवाह का खर्च उठाना संभव नहीं. यह जानकारी देते हुए ‘एम्बुलेंस दादा’ के नाम से मशहूर पद्मश्री करीमुल हक ने माया सरकार के घर जाकर उनका हाल-चाल जाना. करीमूल हक ने उन्हें भरोसा दिया है कि वे जिला प्रशासन से उन्हें मदद दिलाने का प्रयास करेंगे. माया सरकार ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से अपने भाइयों को वृद्धावस्था भत्ता दिलाने के लिए आवेदन किया है.