आज की बैठक शुरू होने के पहले निगम बोर्ड के चेयरमैन दिलीप सिंह की पहल पर मुंशी प्रेमचंद की 138 जयंती पर उन्हें याद किया गया. सभा शुरू होने के पहले श्री सिंह ने मुंशीजी के जीवन व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए एक छोटा भाषण पेश किया और उनकी कई रचनाओं को वर्तमान समाज की समस्याओं से जोड़कर दिखाया.
सिलीगुड़ी नगर निगम की पेयजल समस्या काफी हद तक मुंशीजी की प्रसिद्ध् कहानी ‘ ठाकुर का कुंआ ‘ से मिलती है. भ्रष्टाचार से संबंधित उनकी प्रसिद्ध रचना ‘नमक का दारोगा’ से भी नगर निगम अछूता नहीं है. भ्रष्टाचार के कई मामले आज की बैठक में सामने आये. दोषियों के खिलाफ निगम ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का निर्णय लिया है. यहां बता दें कि काफी पहले एक मामला बोर्ड की नजर में आया था कि कई ऐसे कर्मचारी हैं जो काम पर नहीं आते हैं. लेकिन बड़े आराम से वेतन ले रहे हैं. जांच के दौरान 151 कर्मचारियों को सूचीबद्ध किया गया.

