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एनबीएमसीएच में घटी एमबीबीएस की सीट

सिलीगुड़ी. पिछले चार वर्षों से एमबीबीएस की डेढ़ सौ सीटों वाली उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. बुनियादी ढांचागत व्यवस्था के अभाव का हवाला देते हुये मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआइ)ने एमबीबीएस की 50 सीटें कम कर दी है. मेडिकल में दाखिले के इच्छुक छात्र-छात्राएं मायूस हैं, वहीं […]

सिलीगुड़ी. पिछले चार वर्षों से एमबीबीएस की डेढ़ सौ सीटों वाली उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सीटों की संख्या घटा दी गयी है. बुनियादी ढांचागत व्यवस्था के अभाव का हवाला देते हुये मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआइ)ने एमबीबीएस की 50 सीटें कम कर दी है. मेडिकल में दाखिले के इच्छुक छात्र-छात्राएं मायूस हैं, वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मन में भी एमसीआइ के खिलाफ रोष है. इस शिक्षा सत्र में सीट बढ़ने का कोई आसार भी नहीं दिख रहा हैं.

गौरतलब है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एमबीबीएस की सौ सीटें थी. ममता सरकार के शुरुआती दौर में तत्कालीन उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के दिशा निर्देश में ढांचागत व्यवस्थाओं में कुछ विकास हुआ. इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से सीटें बढ़ाने की पेशकश की. वर्ष 2012 में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज परिदर्शन पर आयी एमसीआइ की टीम ने एमबीबीएस की सीट एक सौ से बढ़ा कर डेढ़ सौ कर दिया.

वर्ष 2017 तक डेढ़ सौ सीटों पर दाखिला लिया गया. लेकिन आगामी शिक्षा सत्र 2017-21 से एक सौ सीटों के लिये ही नामांकन लिया जायेगा. मिली जानकारी के अनुसार कुछ महीने पहले एमसीआइ की टीम उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज दौरे पर आयी थी. टीम ने कॉलेज में डेढ़ सौ एमबीबीएस शिक्षार्थियों के लिये उचित बुनियादी ढांचागत व्यवस्था के अभाव का हवाला देते हुए 50 सीटें कम कर दी. मेडिकल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज में डेमोन्सट्रेशन रूम, सेंट्रल फोटोग्राफी रूम सहित अन्य कई प्रकार की खामियां एमसीआइ की नजर में आयी है. एमसीआइ की टीम ने एक पत्र भेजकर उत्तर बंगाल मेडिकल प्रबंधन को सीटें कम करने की जानकारी दे दी. गत 31 मई को डाक से भेजा गया वह पत्र जुलाई के प्रथम सप्ताह में कॉलेज प्रबंधन तक पहुंचा.

एमसीआइ से क्यों नाराज है कॉलेज प्रबंधन

चार वर्ष पहले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की बढ़ाकर डेढ़ सौ कर दी गयी थी. मेडिकल कॉलेज की बुनियादी ढांचागत व्यवस्था का मुआयना करने के बाद एमसीआइ की टीम ने ही सीटों की संख्या बढ़ाने पर सहमति जतायी थी. लेकिन अब उसी टीम के रिपोर्ट के आधार पर एमसीआइ ने सीटें कम करने का निर्णय लिया. एमसीआइ के इस रवैये से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन काफी नाराज है. प्रबंधन का आरोप है कि एमसीआइ की टीम मनमानी कर रही है. उन्हीं के निर्देशानुसार अत्याधुनिक लेक्चर थियेटर सहित कई निर्माण कार्य कराया गया था.

क्या कहते हैं रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन?

सीटें कम होने व अन्य समस्याओं को लेकर सोमवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन सह राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव ने कॉलेज प्रबंधन के साथ एक बैठक की. बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि तृणमूल सरकार के समय में ही बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में बढ़ोत्तरी कर सीटों संख्या बढ़वायी गयी थी. एमसीआइ ने फिर से कुछ खामियां दिखाकर सीटों की संख्या कम कर दी है. मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी है. छुट्टी पर बैठे डॉक्टरों के पद को एमसीआइ रिक्त मान कर चल रही है. फिर भी बैठक में खामियों को दूर करने का निर्णय लिया गया है.

एनबीएमसीएच में बेडों की संख्या बढ़ायी जायेगी

इसके अतिरिक्त श्री देव ने कहा कि एनबीएमसीएच वर्तमान में 599 बेडों वाला अस्पताल है. यहां बेड संख्या बढ़ाकर एक हजार पचास करने का प्रस्ताव स्वास्थ भवन को भेजा गया है. साढ़े छह हजार नर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति के लिये स्वास्थ्य भवन ने विज्ञापन जारी किया है. एनबीएमसीएच में भी एक सौ नर्सिंग स्टाफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. वर्तमान में तीन सौ बीस नर्सिंग स्टाफ है. पांच अगस्त से थैलेसीमिया यूनिट चालू किया जाना है. उसकी तैयारियां पूरी की जा चुकी है. दो सीटी स्कैन मशीन लगाये जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिये राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया जा चुका है.

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