सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम मोरचा बोर्ड के दो वर्ष पूरा होते ही नियम के विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगने लगा है. जून महीने की मासिक बोर्ड बैठक में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों ने बोर्ड पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए घेराबंदी की. जवाब के लिये एक माह का समय लेकर मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बड़ी ही चालाकी से फिलहाल इस संकट को टाल लिया. तृणमूल ने बोर्ड पर केंद्र सरकार की इंटिग्रेटेड लो कॉस्ट सेनिटरी स्कीम के तहत मनमानी करने का आरोप लगाया है. दूसरी तरफ पेयजल समस्या, जाम व फुटपाथ अतिक्रमण को लेकर भी निगम के सभागार का माहौल गरम रहा.
गौरतलब है कि जून महीने की मासिक बोर्ड बैठक में अपना पहला प्रश्न रखते हुए 1 नंबर वार्ड की भाजपा पार्षद मालती राय ने पेयजल की समस्या को फिर से उठाया. श्रीमती राय ने कहा कि पिछले कई महीने से वार्ड के विभिन्न इलाकों में पेयजल की कमी है. पेयजल ना मिलने से परेशान लोग रोजाना कार्यालय में हंगामा करते हैं.
पेयजल आपूर्ति विभाग के मेयर परिषद सदस्य को कई बार समस्या से अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ. इस समस्या के संबंध में पेयजल आपूर्ति विभाग के मेयर परिषद सदस्य सरदेंदु चक्रवर्ती ने बताया कि उस इलाके में जल का दवाब काफी कम है. समस्या की जानकारी पीएचई को दे गयी है. अगले एक सप्ताह में समाधान कर दिया जायेगा. इसके बाद सिलीगुड़ी नगर निगम के 37 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद व पांच नंबर बोरो कमिटी के चेयरमैन रंजनशील शर्मा ने नियम के विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाकर माकपा बोर्ड को घेरा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की लो कॉस्ट सेनिटरी स्कीम के तहत सिर्फ बस्ती इलाकों में ही शौचालय का निर्माण कराया जा सकता है. जबकि वर्तमान बोर्ड ने बस्ती इलाकों के बाहर जाकर शहरी इलाकों में भी शौचालय का निर्माण कराया.
श्री शर्मा ने मेयर अशोक भट्टाचार्य से प्रश्न करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की परियोजना के तहत नियम के विरूद्ध जाकर कार्य करना संभव नहीं है. इस प्रश्न पर संबंधित मेयर परिषद सदस्य परिमल दत्ता ने काफी बेतुका बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वह परियोजना वर्ष 2008 में शुरू हुयी थी जो कि समाप्त हो गयी है. निगम की सत्ता में आते ही निगम वाम मोरचा बोर्ड ने बकाया 190 शौचालय का निर्माण कर उसे लाभार्थियों को सौंप दिया है. इस उत्तर से संतुष्ट ना होने पर तृणमूल पार्षद रंजनशील शर्मा फिर से खड़े हुए ,लेकिन मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बड़ी ही चालाकी से एक माह के अंदर जवाब देने का समय मांगा. मेयर के दांव को समझकर श्री शर्मा ने कहा कि वे अगली मासिक बोर्ड बैठक में फिर से इस मुद्दे को उठायेंगे. उन्होंने कहा कि अगली बोर्ड बैठक में बोर्ड का परदाफाश किया जायेगा. इस आरोप के बाद तृणमूल वार्ड पार्षदों सहित कांग्रेस ने भी अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवायी नहीं किये जाने को लेकर माकपा बोर्ड पर कई अहम सवाल खड़े किये. भड़क कर मेयर परिषद सदस्य नुरूल इस्लाम ने नियम के विरूद्ध कार्य करने सहित सभी आरोपों को खारिज करते हुए चुनौती आरोप सिद्ध करने की चुनौती दी.
जाम की समस्या विकराल : सिलीगुड़ी शहर में जाम की समस्या विकराल है. पैदल चलना भी राहगीरों के लिये मुश्किल है. यही स्थिति बनी रही तो आने वाले कुछ वर्ष बाद शहर की सड़कों पर चलना मुश्किल हो जायेगा. सभागार में जाम की समस्या को उठाते हुए 11 नंबर वार्ड के तृणमूल पार्षद व पूर्व विरोधी दलनेता नांटू पाल ने कहा कि रिक्शा, ऑटो के बाद अब सिलीगुड़ी शहर का नाम टोटो शहर हो गया है. शहर में टोटो (ई-रिक्शा) की संख्या इतनी बढ़ गयी है कि जाम की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. प्रतिदिन शहर में नये टोटो उतर रहे हैं. राज्य सरकार के निर्देश के बाद भी निगम टोटो को नियंत्रित नहीं कर पा रही है. इसके अतिरिक्त फुटपाथ पर हॉकरो का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. इन समस्याओं पर निगम ने चुप्पी साध ली है.इस समस्या को सभागार में रखने के लिये मेयर अशोक भट्टाचार्य ने नांटू पाल का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि यह एक ज्वलंत समस्या है. राज्य सरकार ने टोटो को टीन नंबर देने का निर्देश निगम को दिया है. एमवीआई विभाग ने अब तक टोटो को वाहन स्वीकार नहीं किया है. केंद्र सरकार टोटो को ई-रिक्शा में तब्दील करने में जुटी है. इसके बाद टीन नंबर मुहैया दिया जा सकता है. शहर में टोटो की संख्या इतनी बढ़ गयी है किसे टीन नंबर दिया जाये और किसे नहीं यह एक बड़ी समस्या है. इस संबंध में राज्य सरकार से विचार-विमर्श करेंगे.