कोलकाता. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) बंगाल के ध्रुवीकृत राजनीतिक परिदृश्य में लोगों का समर्थन फिर से हासिल करने और महिलाओं को जोड़ने के लिए ‘मेयेदेर ब्रिगेड’ (महिलाओं का ब्रिगेड) नामक पहल पर भरोसा कर रही है. माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य शमिक लाहिड़ी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है. उन्होंने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में भी महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित नहीं हैं क्योंकि भाजपा की मनुवादी सोच इसके आड़े आती है.
उन्होंने बताया कि विभिन्न हिस्सों में इस समूह का गठन चुनावों को ध्यान में रखकर नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा : हम पूरे बंगाल में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए मेयेदेर ब्रिगेड का गठन कर रहे हैं. माकपा नेता ने कहा कि महिला ब्रिगेड के गठन का उद्देश्य महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने से लेकर सामाजिक-आर्थिक विकास तक और उनके भीतर छिपी प्रतिभाओं को दिशा देना है. लाहिड़ी ने कहा कि महिला ब्रिगेड का गठन गांवों से लेकर शहरी बस्तियों तक किया जा रहा है. वहीं, माकपा की महिला प्रकोष्ठ की नेता कनिनिका घोष ने कहा राज्यभर में महिलाएं इस पहल को पसंद कर रही हैं. डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद ने कहा : समाज में जिन महिलाओं को कभी खुलकर सामने आने का मौका नहीं मिला, वे अब इस ब्रिगेड से जुड़ रही हैं और अपनी बात सामने रख रही हैं. उन्होंने इस परियोजना को राज्य में महिलाओं के विकास का एक सफल माध्यम करार दिया.
ममता बनर्जी सरकार की लक्खी भंडार परियोजना के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा : इसमें कोई संदेह नहीं कि लक्खी भंडार ने शुरुआत में आम महिलाओं को आकर्षित किया था. लेकिन अब महिलाएं समझ रही हैं कि ‘लक्ष्मियां’ यौन उत्पीड़न और बलात्कार का शिकार हो रही हैं और सबसे बुरी बात यह है कि आरोपियों को सजा नहीं मिल रही है. माकपा नेता ने आरोप लगाया कि कई आरोपियों को तृणमूल कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है.
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