संवाददाता, कोलकाता
बांग्ला भाषी श्रमिकों पर कथित रूप से देश के विभिन्न राज्यों में हो रहे अत्याचार के खिलाफ संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने नियम 169 के तहत मंगलवार को चर्चा के लिए सदन में प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में शोभनदेब चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम, चंद्रिमा भट्टाचार्य, ब्रात्य बसु सह तृणमूल के छह विधायकों ने हिस्सा लिया. सभी ने बंगाल के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला. सत्तारूढ़ दल के विधायकों के शब्दों में : हम बंगाल के खुदीराम को नाथूराम के हाथों अपमानित नहीं होने देंगे.
मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में उक्त प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तृणमूल-भाजपा के बीच वाकयुद्ध हुआ. फिरहाद हकीम ने कहा : क्या बंगाल के लोग बांग्लादेशी हैं ? हम भारतीय बंगाली हैं. भाजपा बांग्ला विरोधी है. अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया था. पर भाजपा लोगों के मन में नफरत भरना चाहती है. उन्होंने यहां तक भी कह डाला कि भाजपा ने अंग्रेजों ने दलाली की है.
चंद्रिमा भट्टाचार्य ने राष्ट्रगान और इसके पीछे बंगाली रचनाकारों के योगदान की याद दिलायी. उन्होंने यह भी कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ””जनगणमन”” के पहले छंद को 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था.
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