कोलकाता. मालदा जिले में एक स्कूल परिसर में बनाये गये शिविर में शरण लिये विस्थापितों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उन्हें शिविर में ही ‘निरुद्ध’ कर दिया गया गया है और उन्हें परिसर से बाहर जाने या अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. विस्थापित लोग मूल रूप से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं, जो सुरक्षा की तलाश में मालदा आ गये थे. वैष्णवनगर के परलालपुर हाइस्कूल स्थित शिविर में कथित तौर पर तनाव तब बढ़ गया जब पुलिस ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के दौरे के दौरान पत्रकारों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके बाद विस्थापित लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. शिविर में रह रहे एक व्यक्ति ने आरोप लगाया : हमें पुलिस ने यहां निरुद्ध कर दिया है और हम स्वतंत्र रूप से घूम नहीं सकते. हमें बाहर जाने या अपने रिश्तेदारों से बातचीत करने की अनुमति नहीं है. हमें नहीं पता कि जब राज्यपाल यहां हैं और हमसे बात कर रहे हैं, तो मीडिया को अंदर क्यों नहीं आने दिया जा रहा है. हम चाहते हैं कि दुनिया को उनके साथ हमारी बातचीत के बारे में पता चले. हालांकि, विस्थापित लोगों के आरोपों की ओर ध्यान दिलाये जाने पर न तो जिला प्रशासन और न ही पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया दी. राजभवन के सूत्रों के अनुसार, बोस शुक्रवार शाम शिविर पहुंचे, विस्थापित परिवारों से बातचीत की और स्थिति का आकलन किया. शिविर में सैकड़ों लोग रह रहे हैं जो हाल ही में सांप्रदायिक अशांति के बाद भय के चलते मुर्शिदाबाद जिले से आ गये थे.
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