हावड़ा. बेलगछिया भगाड़ में ठोस अपशिष्ट और सीवेज प्रबंधन की गंभीर समस्या पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की पूर्वी पीठ ने राज्य और जिला प्रशासन को कड़ी फटकार लगायी है. ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई (आठ दिसंबर) में राज्य और स्थानीय प्रशासन के शीर्ष अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित हों- चाहे व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से. पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रिब्यूनल ने नाराजगी जतायी कि कई बार सुनवाई के बावजूद प्रशासन कोई ठोस और प्रभावी कार्य योजना नहीं पेश कर पाया है. अपशिष्ट निबटान, ठोस कचरा प्रबंधन और सीवेज की समस्या जस की तस बनी हुई है. अदालत ने आदेश में साफ किया कि निम्नलिखित अधिकारियों को अगली सुनवाई में उपस्थित रहना अनिवार्य है: राज्य शहरी विकास व नगर निगम मामलों के विभाग के सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, हावड़ा के जिलाधिकारी, हावड़ा नगर निगम के आयुक्त व केएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी. एनजीअी ने हावड़ा नगर आयुक्त की व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका को सख्ती से खारिज कर दिया और कहा कि प्रशासनिक पद पर बैठे व्यक्ति जवाबदेही से नहीं बच सकते. हालांकि, न्यायालय ने आयुक्त के खिलाफ पिछली कुछ टिप्पणियां वापस ले ली हैं. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि बेलगछिया भगाड़ के समाधान के लिए तैयार की जाने वाली कार्य योजना में स्पष्ट उद्देश्य, बजट आवंटन और समय-सीमा का विवरण अनिवार्य होगा.
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