कोलकाता.
बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के एक वर्ग ने पूरी रात राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अंदर बितायी और तब तक वहां से जाने से इनकार कर दिया, जब तक कि सीइओ मनोज कुमार अग्रवाल उनसे मुलाकात नहीं करते और उनकी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेते. वे राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान अत्यधिक कार्य भार को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उनमें से कई लोग सोमवार शाम से ही वहां प्रदर्शन कर रहे थे. नवगठित बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के सदस्यों ने सोमवार को दोपहर में धरना शुरू किया, जो रात भर चला. प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक अग्रवाल व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात नहीं करेंगे, तब तक वे नहीं हटेंगे. सोमवार को अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा कि हर प्रतिनिधिमंडल से मिलना उनके लिए संभव नहीं है और इस उद्देश्य के लिए दो उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी उपलब्ध हैं. समिति ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. अग्रवाल रात करीब 11.40 बजे पुलिस की सुरक्षा में दफ्तर से बाहर निकले और टकराव पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लेकिन प्रदर्शनकारी अड़े रहे. बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें स्वीकार नहीं कर ली जातीं, तब तक वे धरना से पीछे नहीं हटेंगे. धरना-प्रदर्शन को शुभेंदु ने तृणमूल का सर्कस बतायाकोलकाता. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के पास बीएलओ द्वारा धरना दिये जाने को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएलओ के नाम पर दरअसल तृणमूल के लोग विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह आरोप एक तस्वीर पोस्ट कर उन्होंने लगाया. उन्होंने इस धरने की तुलना सर्कस से की. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का यह विरोध एक संवैधानिक संस्था को डराने और लोकतंत्र को खत्म करने का एक प्लान किया हुआ सर्कस है. उन्होंने आरोप लगाया कि धरना के दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी के खिलाफ भद्दे नारे लगाये जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि इस धरने में कितने बीएलओ मौजूद हैं? उन्होंने कहा कि बंगाल तृणमूल कांग्रेस के इस पाप को न भूलेगा और न ही माफ करेगा.
धरना-प्रदर्शन को शुभेंदु ने बताया तृणमूल का सर्कसकोलकाता. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के पास बीएलओ द्वारा धरना दिये जाने को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएलओ के नाम पर दरअसल तृणमूल के लोग विरोध कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह आरोप एक तस्वीर पोस्ट कर उन्होंने लगाया. उन्होंने इस धरने की तुलना सर्कस से की. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का यह विरोध एक संवैधानिक संस्था को डराने और लोकतंत्र को खत्म करने का एक प्लान किया हुआ सर्कस है. उन्होंने आरोप लगाया कि धरना के दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी के खिलाफ भद्दे नारे लगाये जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि इस धरने में कितने बीएलओ मौजूद हैं? उन्होंने कहा कि बंगाल तृणमूल कांग्रेस के इस पाप को न भूलेगा और न ही माफ करेगा.
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