मंत्री ने तुरंत रुकवाया काम, आइला बांध कमजोर होने का खतरा
संवाददाता, कोलकाता.
दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप में गंगासागर मेला शुरू होने से पहले तैयारियों के बीच बालू खनन को लेकर विवाद गहरा गया है. जनवरी से शुरू होने वाले मेले से पहले घाटों की मरम्मत के लिए बालू निकासी का काम चल रहा था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे अवैध और खतरनाक बताते हुए कड़ा विरोध शुरू कर दिया.
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ठेकेदार कंपनी ने प्रभाव का इस्तेमाल कर बागुआखाली क्षेत्र के मेटेर खाल से मनमाने तरीके से बालू का खनन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि खाल के किनारे बेतहाशा कटाई से पास का आइला बांध कमजोर पड़ सकता है. बांध टूटने की स्थिति में तूफान या ज्वार के दौरान खारा पानी पूरे क्षेत्र में घुसने का बड़ा खतरा पैदा हो जायेगा. स्थानीय विरोध के बाद मामला तुरंत सुंदरबन विकास मामलों के मंत्री बंकिमचंद्र हाजरा के संज्ञान में आया. मंत्री ने पुलिस और प्रशासन को मौके पर भेजकर बालू खनन का काम तत्काल बंद कराने का निर्देश दिया. इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गये हैं. विपक्ष का आरोप है कि विभाग अवैज्ञानिक तरीके से बालू खनन करा रहा है और इसमें सत्तादल के नेताओं का संरक्षण है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि यदि आइला बांध टूट गया, तो मरम्मत में लगने वाला करोड़ों रुपये का खर्च कुछ नेताओं और अधिकारियों की जेब में जायेगा.
हालांकि, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताया है. उधर, स्थानीय निवासियों की ओर से विवादित खनन के खिलाफ गंगासागर कोस्टल थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है. उनका कहना है कि बेतरतीब कटाई बंद होने पर ही सागरद्वीप सुरक्षित रह सकेगा.
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