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बंगाल के दो तैराक राम सेतु को स्पर्श करने के लिए उतरेंगे समुद्र में

पैरा स्वीमर प्रशांत कर्मकार के नेतृत्व में पूर्व रेलवे के कर्मचारी रॉबिन बलदेव भी अभियान में शामिल

तैर कर 30 किमी की दूरी तय करेंगे

रामसेतु है हिंदू पौरुष का सबसे बड़ा जीता-जागता उदाहरण : प्रशांत

श्रीकांत शर्मा, कोलकाता.

18 अप्रैल का दिन राज्य के लिए खास होने जा रहा क्योंकि इस दिन बंगाल के दो एथलीट इतिहास, धर्म और विज्ञान के संगम के सबसे बड़े उदाहरण राम सेतु को स्पर्श करने के लिए समुद्र में अपनी तैराकी शुरू करेंगे. इस यात्रा में वह भारत और श्रीलंका के बीच स्थित 30 किलो मीटर लंबे पाक जलडमरूमध्य को तैर कर पार करेंगे. कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को पहला पदक दिलाने वाले प्रशांत कर्मकार तैराकी टीम के ग्रुप लीडर हैं. प्रशांत का घर उत्तर 24 परगना जिले के नागेरबाजार में है. जबकि रॉबिन का घर दक्षिण 24 परगना के कैनिंग में है.

प्रशांत कहते हैं कि एक तैराक के लिए समुद्र (पाक जलडमरूमध्य) पार करना एक ऐतिहासिक अवसर होता है. लेकिन एक हिंदू होने के नाते सनातन धर्म के आधार श्रीरामचंद्र द्वारा बनाये गये उस राम सेतु को स्पर्श कर अपने जीवन को धन्य करना भी उनके जीवन का लक्ष्य रहा है. रामसेतु हिंदू पौरुष का सबसे बड़ा जीता-जागता उदाहरण है.

टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य रॉबिन बलदेव बताते हैं कि उनकी यात्रा श्रीलंका के तलाईमन्नार द्वीप से 18 अप्रैल को भोर चार बजे शुरू होगी. श्रीलंका के तलाईमन्नार और भारत के तमिलनाडु के धनुषकोडी तक स्थित पाक जलडमरूमध्य की समुद्री की चौड़ाई 30 किलो मीटर है. हमारी कोशिश होगी की सूर्यास्त से पहले इस दूरी को तय कर भारत के तमिलनाडु में स्थित धनुषकोडी के समुद्र तट पर पहुंचे जायें.

तैराकी दल के साथ चलेंगे सात बड़े समुद्री जहाज : ऐसा नहीं कि यह समुद्री अभियान सुरक्षित है. यह क्षेत्र शार्क के साथ अन्य जीव-जंतुओं से भरा पड़ा है लेकिन इसके बाद भी प्रशांत और उनकी टीम का हौसला बुलंद है. प्रशांत कर्मकार बतातें है कि यह सही है कि समुद्री शार्क पाक जलडमरूमध्य में पायी जाती है लेकिन अभी तक किसी व्यक्ति पर हमले जैसी कोई घटना नहीं हुई है. यह पूरा अभियान भारतीय नौसेना, भारतीय तट रक्षक बल के साथ श्रीलंका नौसेना के अधिकारियों की निगरानी में होगी. जब प्रशांत और उनकी टीम समुद्र में उतरेगी तब से लेकर तैराकी पूरी होने तक उनके साथ भारतीय नौसेना, भारतीय तट रक्षक बल के साथ श्रीलंका नौसेना के कुल सात जहाज उनके साथ चलेंगे. इस दौरान वायु सेना का एक जहाज भी उनकी निगरानी करेगा.

उल्लेखनीय है कि प्रशांत कर्मकार ने अपनी तैराकी से कई बार भारतीयों को गर्व करने का अवसर प्रदान किया है. 2010 में उन्होंने दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में पहली बार भारत को (पैरा स्विमिंग) में कांस्य पदक दिलाया था. इसके साथ ही एशियन गेम में पांच पदक दिलाया. उनकी इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार ने 2011 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा. प्रशांत का घर उत्तर 24 परगना के नागेर बाजार में स्थित है. जबकि रॉबिन बलदेव पूर्व रेलवे के सियालदह मंडल में वाणिज्यीक विभाग में टीटी के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने वाटर पोलो में देश को और पूर्व रेलवे को कई पदक दिलाया है. भारत और श्रीलंका के मध्य स्थित पाक जलडमरूमध्य के सफलता पूर्वक पार करने के बाद रॉबिन ने यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के बीच स्थित समुद्र (इंग्लिश चैनल को) पार करने की चुनौती को चुना है.

कहां है राम सेतु

भारत में रामसेतु हमेशा से ही भारतीयों के लिए आस्था और जिज्ञासा का विषय रहा है. यह पुल भारत के तमिलनाडु के धनुषकोडी और श्रीलंका के तलाईमन्नार द्वीप के बीच स्थित है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पुल भगवान श्रीराम की सेना द्वारा बनाया गया था. इस ऐतिहासिक संरचना से जुड़े रहस्यों को जानने के लिए भारतीय और विदेशी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं. नासा ने भी समुद्र के बीच अप्राकृतिक रूप से तैयार एक पुल जैसी संरचना की पुष्टि की है.

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