कोलकाता.
राज्य के परिवहन विभाग ने वाहन रूट परमिट के रिन्युअल के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किये हैं. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव सौमित्र मोहन ने एक अधिसूचना जारी कर बताया कि वाहन के रूट परमिट की समाप्ति के बाद अधिकतम छह महीने के भीतर रिन्युअल कराना होगा. यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो परमिट रद्द मान लिया जायेगा.कुछ वाहन मालिकों द्वारा रूट परमिट के रिन्युअल में वर्षों तक की देरी की जा रही थी. इसी बढ़ती समस्या के समाधान के लिए परिवहन विभाग ने कड़ा कदम उठाया है. अब, रूट परमिट की समाप्ति के छह महीने के भीतर रिन्युअल न करने पर इसे मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत रद्द माना जायेगा.गौरतलब है कि ऐसे वाहन मालिकों को सुनवाई का अवसर दिया जायेगा. हालांकि, यदि वे सुनवाई में शामिल नहीं होते हैं या जरूरी दस्तावेज और शुल्क जमा नहीं करते, तो परमिट स्वचालित रूप से रद्द हो जायेगा.
इसके अतिरिक्त, परिवहन विभाग ने सभी वाहन रूट परमिटों का डिजिटलीकरण भी शुरू कर दिया है. जिन वाहन मालिकों के पास डिजिटल परमिट नहीं है, उन्हें यात्रा के दौरान परमिट के मूल भाग-ए के साथ उसकी फोटोकॉपी प्रस्तुत करनी होगी. पंजीकरण प्राधिकरण को दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा और 96 घंटे के भीतर बैकलॉग प्रविष्टि करनी होगी.विभाग ने स्टेज कैरिज और ऑटो-रिक्शा परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिये हैं. परमिट आवंटन ””पहले आओ, पहले पाओ”” के आधार पर किया जायेगा. आवेदन शुल्क का भुगतान करने के समय के अनुसार समय-सीमा निर्धारित होगी. सफल आवेदकों को दिये गये ऑफर लेटर की वैधता 180 दिनों तक होगी.
ऑल बंगाल बस मिनीबस समन्वय समिति के महासचिव राहुल चटर्जी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा : यह पहल बहुत जरूरी थी. डिजिटलीकरण से साफ-साफ स्थिति सामने आयेगी और यदि कोई रिन्युअल नहीं करता है, तो विभाग उसे रद्द कर देगा, जिससे नये लोग आवेदन कर सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है