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सॉल्टलेक स्टेडियम कांड पर भाजपा-तृणमूल आमने-सामने

ल्टलेक स्टेडियम में हुई अराजकता पर भाजपा नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि कुछ ठगों द्वारा पैसों की लालसा में यह स्थिति उत्पन्न हुई.

कोलकाता.

सॉल्टलेक स्टेडियम में हुई अराजकता पर भाजपा नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि कुछ ठगों द्वारा पैसों की लालसा में यह स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है और तृणमूल नेताओं ने लालची आयोजकों को बढ़ावा दिया, जो स्वयं प्रचार में व्यस्त थे. हजारों रुपये में टिकट खरीदने वाले लोगों को मेसी को सही तरीके से देखने से वंचित किया गया. शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि इस घटना ने राज्य की छवि धूमिल की है.

सुकांत ने मांगा सीएम का इस्तीफा

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुकांत मजूमदार ने भी इस अराजकता के लिए तृणमूल और राज्य प्रशासन की कड़ी आलोचना की. केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि ये दर्शाता है कि तृणमूल ने बंगाल को क्या बना दिया है? इन्होंने प्रोग्राम को हाइजैक किया. पैसे की लूट हुई. टिकट के लिए भ्रष्टाचार हुआ. इन्होंने मेसी का ‘मेस’ बनाकर रख दिया. सुकांत मजूमदार ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर सवाल किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अभी इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उनके पुलिस प्रशासन की प्लानिंग की कमी और इस पूरी नाकामी की जिम्मेदारी पूरी तरह से मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हीं की है.

मामले की हो न्यायिक जांच : शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को अर्जेंटीना के विख्यात फुटबॉलर मेसी के कार्यक्रम के दौरान साॅल्टलेक स्टेडियम में कुप्रबंधन की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे तृणमूल की लूट का सर्कस करार देते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की. शुभेंदु ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिख कर घटना की न्यायिक जांच की मांग की. शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर लिखा कि कोलकाता में आज जो तमाशा देखने को मिला, वह बेहद शर्मनाक है. फुटबॉल के दीवाने बंगाली प्रशंसकों ने महान खिलाड़ी लियोनेल मेसी की एक झलक पाने के सपने देखते हुए हजारों रुपये खर्च किये, लेकिन अपने ही राज्य में उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि खेल मंत्री अरूप विश्वास, अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और उनके 100 से अधिक वीआइपी साथी मेसी के इर्द-गिर्द घूम रहे थे. असली प्रशंसकों को गैलरी में बैठा कर केवल पांच-सात मिनट के लिए बड़े स्क्रीन पर ही देखने को मिला. उन्हें मैदान का सीधा दृश्य तक नहीं मिला, जो एक बड़ा विश्वासघात है. नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि स्टेडियम के अंदर पानी की बोतलें ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और बेचैन प्रशंसकों को 20 रुपये की बोतल के लिए 200 रुपये देने पड़े. उन्होंने कहा कि अब बहुत हो गया और विपक्ष के नेता के रूप में उनकी तीन प्रमुख मांगें हैं. पहली मांग में उन्होंने कहा कि हर गैलरी टिकट धारक को 100% रिफंड दिया जाये और जो पैसा लूटा गया है वह वापस किया जाये. दूसरी मांग में उन्होंने खेल मंत्री अरूप विश्वास, अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और आयोजक शतद्रु दत्त को सरकारी प्रायोजित अराजकता, लूट और अव्यवस्था के लिए तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. तीसरी और सबसे बड़ी मांग में उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को वैश्विक मंच पर पश्चिम बंगाल के नाम को कीचड़ में घसीटने के लिए इस्तीफा देना चाहिए और राज्य की आत्मा को पूरी तरह बर्बाद करने से पहले पद छोड़ देना चाहिए. वहीं, हुगली के बालागढ़ में आयोजित परिवर्तन संकल्प सभा में उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में ठगे गये सभी दर्शकों को टिकट के पूरे पैसे वापस करने होंगे. इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष गौतम चटर्जी, राज्य कमेटी के सदस्य सपन पाल, पूर्व जिलाध्यक्ष भास्कर भट्टाचार्य सहित अन्य नेता उपस्थित थे.

खेल मंत्री के विरुद्ध हो एफआइआर : मालवीय

भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने सोशल साइट एक्स पर कहा कि मेसी जैसे इंटरनेशनल खिलाड़ी को पश्चिम बंगाल में लाने, आम लोगों की भावनाओं से खेलने और उन्हें इतने बड़े खतरे की ओर धकेलने के लिए, राज्य के खेल मंत्री, अरूप विश्वास को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. ममता बनर्जी द्वारा घटना के लिए माफी मांगने पर अमित मालवीय ने कहा कि मगरमच्छ के आंसू बहाना बंद करें. यह मिसमैनेजमेंट और करप्शन आपकी सरकार के हर काम में आम बात है. उन्होंने कहा कि आपको तुरंत जवाबदेही तय करनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों का इस्तीफा लेना चाहिए. अरूप विश्वास और सुजीत बोस के खिलाफ एफआइआर दर्ज होनी चाहिए. उन्हें बिना देर किये उनके पदों से हटाया जाना चाहिए और दर्शकों को पूरा रिफंड मिलना चाहिए, जिन्हें इस इवेंट के लिए भारी रकम देने के लिए मजबूर किया गया था.

तृणमूल ने कहा-आयोजक दोषी, भाजपा ने भी उकसाया

संवाददाता, कोलकाता

सॉल्टलेक स्टेडियम (विवेकानंद युवाभारती क्रीड़ांगन) में शनिवार को फुटबॉलर लियोनेल मेसी के कार्यक्रम के दौरान अराजकता फैलने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आयोजकों पर हमला बोला और अव्यवस्था के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया. साथ ही भाजपा पर भी उकसावे का आरोप लगाया. तृणमूल के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसे दुर्भाग्यजनक घटना बताया और इसके लिए कुछ व्यक्तियों की गैर-जिम्मेदाराना व अव्यवस्थित कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक बयान में कहा कि आयोजकों व उनके करीबी लोगों की अत्यधिक उत्सुकता और मेसी के साथ सेल्फी लेने की उनकी कोशिशों की वजह से दर्शक सही तरह से फुटबॉलर को नहीं देख पाये, जिसकी वजह से वे नाराज हो गये.

घोष ने कहा : इस अव्यवस्था के लिए आयोजकों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों न की जाये? कोई उचित योजना क्यों नहीं थी? अफरातफरी क्यों मची? इसी कारण मेसी को स्टेडियम छोड़ना पड़ा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राज्य की जनता की ओर से उन्हें गर्मजोशी से स्वागत देने के लिए उपस्थित नहीं हो सकीं. सामान्य टिकट लेकर आये दर्शक लियोनेल मेसी को ठीक से देख नहीं पाये, वे वंचित और क्षुब्ध हुए, और उनकी भावनाएं पूरी तरह जायज हैं. तृणमूल नेता का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर दिया है और मेसी प्रेमियों से सार्वजनिक रूप से खेद भी व्यक्त किया है. यह पूरी घटना निजी आयोजकों की घोर कुप्रबंधन का नतीजा है और इसका राज्य सरकार से कोई संबंध नहीं है. आयोजकों को हिरासत में लेकर जांच होनी चाहिए और उनसे स्टेडियम व जनता को हुए नुकसान की भरपाई कराई जानी चाहिए. सरकार की ओर से अरूप विश्वास केवल खेल मंत्री के रूप में आमंत्रित थे, जो पूरी तरह स्वाभाविक है. उनकी उपस्थिति पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से राज्य सरकार ऐसे कार्यक्रम की अनुमति देगी. अगर अनुमति नहीं दी जाती, तो वही बंगाल-विरोधी ताकतें सरकार पर आरोप लगातीं. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की है और सोशल मीडिया पर भी अपना बयान दिया है.

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