प्रतिनिधि, हुगली.
गोघाट थाना अंतर्गत बेंगाई पंचायत के उपशाल झार गांव की सुबह आम दिनों जैसी नहीं थी. गुरुवार की सुबह जब गांव के लोग खेत की ओर बढ़े, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि एक ही घर के सभी चिराग बुझ चुके होंगे. घर में सन्नाटा पसरा होगा. घर के निकट बने गोशाला में फंदे से झूलती तीन लाशें एक वृद्ध मां, उसका बेटा और बहू की थीं. मृतकों के नाम अनिमा नंदी (75), बेटा काशीनाथ नंदी (55) और बहू ममता नंदी (42) बताये गये हैं. तीनों की मौत की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैली और देखते ही देखते पूरा उपशाल झार गांव मातम में डूब गया. हर आंख नम थीं. हर चेहरा सन्न था.
तीन मौतों के पीछे क्या रहा होगा कारण? : परिवार के रिश्तेदारों और गांववालों का कहना है कि आठ महीने पहले काशीनाथ के बेटे शांतनु नंदी ने आत्महत्या की थी. 21 वर्षीय शांतनु एक मेधावी मेडिकल छात्र था. उसकी असमय मृत्यु ने पूरे परिवार को जैसे भीतर से तोड़ दिया था. वह नंदी परिवार की आखिरी उम्मीद, आखिरी मुस्कान था. उसके जाने के बाद तीनों कभी पहले जैसे नहीं रहे.
पुलिस क्या कहती है: जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन के निर्देश पर गोघाट थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन प्राथमिक जांच में यही सामने आया है कि यह आत्महत्या मानसिक तनाव और गहरे अवसाद का परिणाम हो सकता है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “संभावना है कि बेटे की मौत के बाद परिवार लगातार अवसाद में था. हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं, आर्थिक कारणों की भी पड़ताल की जा रही है.
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