प्रथम चरण में महानगर के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर शुरू होगा कार्य
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद तेज हुई तैयारी
शिव कुमार राउत, कोलकाता
महानगर की सड़कों पर लटकते बिजली और इंटरनेट के तारों को अब पूरी तरह भूमिगत किया जायेगा. इस कार्य के लिए कोलकाता नगर निगम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैं. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद निगम ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है. मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत हरीश मुखर्जी रोड समेत कुछ अन्य प्रमुख इलाकों में ओवरहेड तारों को भूमिगत किया गया है. अब चरणबद्ध तरीके से पूरे कोलकाता के सभी वार्डों में यह कार्य किया जायेगा. उन्होंने कहा कि, “निगम लंबे समय से इस कार्य के लिए प्रयासरत है, लेकिन केबल टीवी ऑपरेटर, रिलायंस और अन्य इंटरनेट सेवा प्रदाता पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे थे. कई बैठकों के बावजूद वे अपने स्तर पर काम नहीं कर पाये. इसलिए अब निगम स्वयं यह कार्य करेगा.”
मेयर के सलाहकार पीके दुआ की निगरानी में कार्य जारी: कोलकाता नगर निगम के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व डायरेक्टर जनरल और वर्तमान में मेयर के सलाहकार पीके दुआ की देखरेख में यह कार्य शुरू हो चुका है. मेयर ने बताया कि निगम अपने खर्च पर भूमिगत पाइप (डक्ट्स) बिछाने का कार्य कर रहा है. त्योहारी सीजन के कारण काम कुछ समय के लिए रुका था, लेकिन अब सर्दियों में इसे दोबारा आरंभ किया जा रहा है.
मेयर ने कहा कि, “हम एक साथ पूरे शहर में यह कार्य नहीं कर सकते. फिलहाल कुछ प्रमुख स्थानों पर तारों को भूमिगत किया जा रहा है. इसके बाद क्रमबद्ध रूप से पूरे महानगर में इस परियोजना को लागू किया जायेगा.”
अब निगम की नयी पहल से बढ़ी उम्मीदें: मेयर हकीम ने कहा कि निगम के इंजीनियरिंग विभाग की टीमें पहले ही कई स्थानों का सर्वेक्षण कर चुकी हैं. जहां तारों की संख्या अधिक है, वहां अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो चुका है.
पहले चरण के सफल होने के बाद पूरे कोलकाता में यह योजना लागू की जायेगी. महानगर में तारों के उलझे जाल से न केवल बिजली आपूर्ति बाधित होती रही है, बल्कि दुर्घटनाओं और आग लगने की घटनाएं भी घटित हुई हैं.
ऐसे में यह परियोजना न केवल शहर की खूबसूरती बढ़ाएगी, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी अहम साबित होगी. अब यह देखना होगा कि वर्षों से अधर में लटकी यह योजना इस बार सचमुच अमल में आती है या नहीं और कोलकाता कब तक बनेगा एक ‘तार-मुक्त आधुनिक शहर’.
2019 में बनी थी योजना, अब मिला नया बल
उल्लेखनीय है कि कोलकाता नगर निगम ने वर्ष 2019 में ही शहर से ओवरहेड तारों को हटाकर भूमिगत करने की योजना तैयार की थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पायी. शहर के बड़ाबाजार, फूलबागान, कांकुड़गाछी आदि क्षेत्रों में बिजली व केबल के तारों का ऐसा जाल फैला है कि हर साल बारिश के मौसम में करंट लगने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. वर्ष 2020 में निगम ने एमएसओ और दूरसंचार कंपनियों के साथ बैठक की थी, जिसमें तय हुआ था कि सात दिनों के भीतर केबलों को भूमिगत किया जायेगा. केबल ऑपरेटरों को उस समय छह जून तक भूमिगत कनेक्शन की योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. इसके बाद 13 जून को निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम ने उन्हें 14 दिनों की समयसीमा दी थी. मेयर ने तब कहा था कि कोलकाता में हर जगह पेड़ों के सहारे बंधे केबल, इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और टेलीफोन के तार न केवल शहर की सुंदरता को बिगाड़ते हैं बल्कि पेड़ों की कटाई और रखरखाव में बाधा भी उत्पन्न करते हैं. निगम के पास इन्हें एक दिन में हटाने की क्षमता है, लेकिन नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर ऐसा कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा था कि इस शिथिलता का फायदा टेलीकॉम कंपनियां उठा रही हैं, लेकिन अब कोई छूट नहीं दी जायेगी. निगम ने शहर को ‘तार-मुक्त’ कोलकाता बनाने का लक्ष्य तय किया है.
चंदननगर मॉडल पर होगा काम
हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुगली के चंदननगर में भूमिगत विद्युत आपूर्ति परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया था. इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिया कि कोलकाता सहित सभी नगर निकाय क्षेत्रों में इसी तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री के इसी निर्देश के बाद कोलकाता नगर निगम ने इस परियोजना को तेज गति से आगे बढ़ाने की घोषणा की है.
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