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बिना समय लिये पांच शिक्षिकाएं ममता से मिलने पहुंचीं, सुरक्षाकर्मियों ने हटाया

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुकी हैं ये शिक्षिकाएं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुकी हैं ये शिक्षिकाएं

कोलकाता. पांच ‘बेदाग’ शिक्षिकाएं गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने उनके आवास पर गयीं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया, क्योंकि उन्होंने मुलाकात का समय नहीं लिया था. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. ये वे शिक्षिकाएं हैं, जो 2016 एसएससी परीक्षा में उनकी भर्ती को शीर्ष अदालत द्वारा अमान्य करार दिये जाने के बाद अपनी नौकरी गंवा चुकी हैं. ये पांचों शिक्षिकाएं ‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम से जुड़ी हैं. इस फोरम में 1,000 से अधिक शिक्षक हैं, जो पिछले 22 दिनों से राज्य के शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के सामने धरना दे रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि 2016 की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें फिर से नयी भर्ती प्रक्रिया में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. जैसे ही ये शिक्षिकाएं अचानक मुख्यमंत्री के आवास के सामने पहुंचीं और उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलना चाहा, प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने यह कहते हुए उन्हें वहां से चले जाने को कहा कि मुलाकात का पहले से समय लिये बिना मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जायेगा. ये अध्यापिकाएं मुख्यमंत्री आवास से जाने को तैयार नहीं थीं, इसलिए मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें कालीघाट पुलिस थाने ले जाकर छोड़ दिया. अध्यापिकाओं में शिल्पी चक्रवर्ती, नूर अमीना गुलशन, संगीता साहा, साहनी नाजनीन और रूपा कर्मकार शामिल थीं. गुलशन ने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे थे, उम्मीद है कि वह समझ सकेंगी कि हम किस दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन हमें उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है.’’

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