कोलकाता. बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में सुधार कार्य के लिए शिक्षकों को काम पर लगाया गया है, जिससे क्लासेस करवाने में निजी स्कूलों को परेशानी हो रही है. हाल ही में सरकार ने 30 अप्रैल से गर्मी की छुट्टियों की घोषणा की है, इसको देखते हुए स्कूलों ने सिलेबस आगे बढ़ाने के लिए समय में बदलाव किया है. गर्मी या लू के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए स्कूलों ने सत्र जल्दी शुरू कर दिया है, लेकिन शिक्षकों की अनुपस्थिति में कक्षाएं संचालित करने में उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. निजी स्कूलों के प्रिंसिपलों का कहना है कि निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने अपना नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल में शुरू कर दिया था, लेकिन इन स्कूलों को अपनी समय-सारिणी या समय में बदलाव करना पड़ रहा है, क्योंकि कई शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगे हैं. गर्मी या लू के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए स्कूलों ने सत्र जल्दी शुरू कर दिया है, लेकिन शिक्षकों की अनुपस्थिति में कक्षाएं ठीक से संचालित नहीं हो पा रही हैं. श्री श्री एकेडमी के लगभग 10 शिक्षक सुधार कार्य पर हैं, जिसके कारण वहां कक्षा 9, 10 और 12 के लिए क्लासेस दोपहर 12.30 बजे समाप्त की जा रही हैं. मिडिल स्कूल अपने सामान्य समय पर चल रहा है, व दोपहर 2.30 बजे समाप्त हो रहा है. कम से कम दो स्कूलों – फ्रैंक एंथनी पब्लिक स्कूल और सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल ने एक समय सारिणी तैयार की है, जिसके तहत स्कूल में उपस्थित शिक्षक अपने विषयों के पाठ्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं. स्कूल लौटने पर इन शिक्षकों का पीरियड अन्य शिक्षकों को आवंटित कर दिया जायेगा. कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि हमने पिछले सप्ताह नया सत्र शुरू कर दिया है, लेकिन कक्षा 9, 10 और 12 के लिए 17 अप्रैल तक समय घटा दिया है, ताकि शिक्षक अनुपस्थित रहने पर विद्यार्थी खाली समय में बेकार न बैठें. वहीं हेरिटेज स्कूल, में मार्च में नया शैक्षणिक सत्र शुरू किया गया, यहां कुछ कक्षाओं की भरपाई के लिए छात्रों के साथ वर्कशीट साझा की हैं. आईसीएसई और आईएससी दोनों के लिए कुल 38 शिक्षक त्रुटि सुधार के लिए गये थे, लेकिन उनमें से 26 वापस आ गये हैं. एक स्कूल अधिकारी ने बताया कि 12 शिक्षक अभी भी बाहर हैं. आइसीएसई, आइएससी और सीबीएसइ स्कूलों में शिक्षकों द्वारा गलतियों को सुधारने का कार्य एक वार्षिक गतिविधि है. आमतौर पर, शिक्षक मार्च से सुधार कार्य पर जाना शुरू करते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके विषय की परीक्षा कब समाप्त हुई है और बोर्ड सुधार के लिए प्रश्नपत्र कब भेजता है. आइसीएसइ के एक प्रिंसिपल का कहना है कि गर्मी का पैटर्न एक स्थायी विशेषता होने जा रहा है और हमें इसके लिए तैयार रहना होगा.
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