कोलकाता. गुरुवार को कलकत्ता यूनिवर्सिटी में सिंडिकेट की बैठक होगी. अक्तूबर में नये फुल-टर्म वाइस-चांसलर के चार्ज संभालने के बाद से यह पहली बैठक होगी. सिंडिकेट, यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी निर्णय-मेकिंग बॉडी की पहली मीटिंग होगी. कलकत्ता यूनिवर्सिटी में लंबे समय से 60 प्रतिशत टीचिंग पोस्ट खाली हैं. टीचर रिक्रूटमेंट प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. इसी के लिए मीटिंग की जायेगी. कलकत्ता यूनिवर्सिटी के नये फुल टाइम वाइस चांसलर आशुतोष घोष ने बताया कि टीचिंग की बहुत सारी पोस्ट खाली हैं. इससे हमारे पढ़ाने और सीखने के प्रोसेस पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. खाली पोस्ट की संख्या पर सिंडिकेट मीटिंग में बात की जायेगी. सिंडिकेट में चर्चा के बाद हम जल्द से जल्द पोस्ट भरने के लिए विज्ञापन देंगे, क्योंकि पिछले तीन सालों से यूनिवर्सिटी में कोई फुल-टर्म वीसी नहीं था, इसलिए राज्य सरकार ने किसी भी टीचर की नियुक्ति की इजाजत नहीं दी.
खाली पोस्ट की संख्या बढ़ती रही. कुछ विभाग में तो पहले से ही भर्ती रुकी हुई थी. एक अधिकारी के मुताबिक नये वीसी ने चार्ज संभालने के बाद टीचर भर्ती को प्राथमिकता देने की बात कही थी. कलकत्ता यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सनातन चट्टोपाध्याय ने कहा- टीचिंग-लर्निंग प्रक्रिया सेंट्रल असेसमेंट का एक अहम हिस्सा है. एक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने कहा कि एक समय था, जब उनके विभाग में बीटेक और एमटेक में 50 छात्रों पर 12 टीचर थे. प्रोफेसर ने कहा कि अब स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 110 हो गयी है, लेकिन टीचर्स की संख्या 12 ही है. वाइस-चांसलर ने कहा कि वे नॉन-टीचिंग स्टाफ पद भी भरना चाहते हैं. सिडिकेट फरवरी में कॉन्वोकेशन पर भी फैसला कर सकता है.
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