संवाददाता,कोलकाता
बांग्ला नववर्ष की शुरुआत मीठे व्यंजनों से होती है. नये साल के दिन मिठाई की दुकानों में सुबह से ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ती है. दुकान मालिकों का कहना है कि इस दिन अन्य दिनों की तुलना में चार गुना अधिक मिठाइयां बनती हैं और हाथों-हाथ बिक जाती हैं. विजयादशमी, अष्टमी, लक्ष्मी पूजा, भाई फोटा, काली पूजा के साथ-साथ पोइला बोइशाख में भी मिठाइयां खूब बिकती हैं. बंगाली मिठाइयों की मांग अधिक रहती है.
जल-भरा संदेश के अलावा केसर रसमलाई, केसरिया राजभोग, स्ट्रॉबेरी संदेश, खीर कदम, कलाकंद, पीले रंग का राजभोग, छेना पाइस, मीठी दही, रबड़ी, पाटीशप्ता ग्राहकों की पहली पसंद होती है. पोइला बोइशाख के दिन महानगर के केसी दास, भीमचंद्र नाग (कॉलेज स्ट्रीट), देशबंधु (एमजी रोड, बड़ाबाजार), बियेन (थियेटर रोड), हरिदास मोदक (श्याम बाजार), नकुरचंद्र नंदी (हाथी बागान), गिरीशचंद्र दे (भवानीपुर), चित्तरंजन (श्यामबाजार-एवी स्कूल के पास), सेन महाशय, बलराम मल्लिक, सुरेश चंद्र मल्लिक (हेदुआ, हाथीबागान) सहित अन्य दुकानों में भीड़ देखने के लायक होती है. लगभग सभी मिठाई दुकानों में आम दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ होती है. चिंतामणी दे रोड स्थित परशुराम, शिवपुर मिताली स्वीट्स, इच्छापुर स्थित बलराम मल्लिक में मिठाई खरीदने वाले ग्राहकों की भीड़ उमड़ती है. उत्तर हावड़ा के डबसन रोड स्थित गांगुराम, भीखाराम, सलकिया स्वीट्स सहित अन्य सभी दुकानों में ग्राहक पहुंचते हैं और अपनी पसंद की मिठाइयां खरीदते हैं.
मिठाई दुकान के मालिक वरुण घोष ने बताया कि पारंपरिक मिठाइयां ही ज्यादा बिकती हैं. तरह-तरह की मिठाइयां होने के बावजूद अधिकतर लोग आज भी संदेश और रसगुल्ला ही खाना पसंद करते हैं. कुछ ग्राहक ऐसे भी हैं, जो मधुमेह बीमारी से पीड़ित हैं. उनके लिए सुगर फ्री जैसी मिठाइयां आइसक्रीम संदेश के अलावा कुछ मिठाइयां बनानी पड़ती हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है