कोलकाता.
दोहरे कैंसर से जूझ रही महानगर की 60 साल की एक महिला की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया गया. महिला के मल में खून आ रहा था. चिकित्सकों को जांच में पता चला कि उसके दाहिने कोलन और बायीं किडनी, दोनों में कैंसर है. इसके उपचार के लिए महिला ने समय-समय पर कई अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन उसे आराम नहीं मिला. शुरुआत में, इस बात को लेकर दुविधा थी कि क्या दोनों सर्जरी अलग-अलग की जाये, लेकिन बाद में बहु-विषयक ट्यूमर बोर्ड ने दोनों कैंसर का एक ही प्रक्रिया में ऑपरेशन करने का फैसला किया. डॉ संजय मंडल के नेतृत्व वाली एक टीम ने मरीज की पांच घंटे की सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की. सर्जरी के बाद महिला को तीन दिनों तक निगरानी में रखा गया, फिर छुट्टी दे दी गयी.जन्मजात विकृत आंत की सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
वहीं, बचपन से ही पेट में तेज दर्द से जूझ रही 20 वर्षीय एक महिला को आखिरकार सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद पूरी तरह से राहत मिल गयी. वर्षों से कई डॉक्टरों से परामर्श लेने के बावजूद, उसकी स्थिति का निदान नहीं हो पाया था. यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें आंतें जन्म से ही असामान्य रूप से मुड़ी हुई होती हैं. डॉ संजय मंडल के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने उसकी आंतों को सावधानीपूर्वक मोड़ कर उनकी स्थिति बदलने के लिए साढ़े तीन घंटे की एक जटिल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की. चूंकि यह प्रक्रिया न्यूनतम आक्रामक थी, इसलिए वह जल्दी ठीक हो गयी और दो दिनों के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल गयी. मरीज अब बिल्कुल दर्द मुक्त है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

