समन्वय के लिए अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश
संवाददाता, कोलकातादूसरे राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ बढ़ती हिंसा और शोषण की घटनाओं पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाल के महीनों में मारपीट, पहचान पत्र छीनने और मजदूरी हड़पने जैसे कई मामले सामने आये हैं. इन घटनाओं में स्थानीय पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगे हैं. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की अगुवाई वाली खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को तत्काल इन मामलों को देखने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया. यह अधिकारी ओडिशा सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. कोर्ट ने साफ कहा है कि इस मामले में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. यह आदेश हाइकोर्ट में दायर एक याचिका के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ओडिशा में काम करने गये दो बंगाली श्रमिकों को वहां की पुलिस ने बांग्लादेशी बताकर हिरासत में लिया और प्रताड़ित किया था. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति ऋतोब्रत कुमार मित्रा की खंडपीठ ने गुरुवार को इस मामले में यह महत्वपूर्ण निर्देश दिया. हाइकोर्ट के इस निर्देश के बाद राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे पर बहस तेज हो गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

