हुगली. राज्य परिवहन विभाग ने अवैध रूप से वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाया है. इस बाबत एक सर्कुलर सभी जिलाधिकारियों को भेजा गया है. हुगली की जिलाधिकारी मुक्ता आर्य को भी ऐसा ही सर्कुलर मिला है. सर्कुलर में निर्देश दिया गया है कि ट्रेड सर्टिफिकेट के बिना चल रहे सभी शोरूम को तत्काल बंद किया जाये और वहां रखे रजिस्ट्रेशन रहित वाहनों को आवश्यकता पड़ने पर जब्त किया जाये. सर्कुलर के अनुसार, केवल वे डीलर जिनके पास राज्य परिवहन विभाग से अनुमोदित ट्रेड सर्टिफिकेट है, किसी एक निश्चित कंपनी के वाहन बेच सकते हैं. डीलर का नाम वाहन पोर्टल से जुड़ा होता है, जिससे वाहन का बिल, इंजन और चेसिस नंबर सीधे पोर्टल पर दर्ज होता है और रजिस्ट्रेशन नंबर उसी आधार पर जारी किया जाता है. लेकिन कई जिलों में बिना ट्रेड सर्टिफिकेट वाले सब-डीलर शोरूम खोलकर कई कंपनियों की गाड़ियां एक साथ बेच रहे हैं. वे केवल ट्रेड लाइसेंस के आधार पर कारोबार कर रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है. कई बार एक वाहन का तीन बार बिल बनाया गया, पहले डीलर से सब-डीलर को, फिर सब-डीलर से ग्राहक को, और अंत में रजिस्ट्रेशन के लिए फिर डीलर के नाम से नया बिल.
जीएसटी चोरी और वित्तीय अनियमितताएं : इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी हो रही है. डीलर लाभांश में 70 से 90 फीसदी की छूट दिखाकर सब-डीलर को वाहन देता है और कम जीएसटी जमा करता है. सब-डीलर फिर ग्राहक से पूरी दर पर जीएसटी वसूलता है. इससे केंद्र और राज्य, दोनों का राजस्व प्रभावित हो रहा है. डीलरों का कहना है कि मोटर वाहन अधिनियम में “सब-डीलर ” जैसी कोई मान्यता नहीं है और यह पूरा कारोबार गैरकानूनी है. कुछ फाइनेंस कंपनियां भी सब-डीलर के बिल के आधार पर लोन दे रही हैं, जबकि रजिस्ट्रेशन किसी और बिल से हो रहा है. राज्य सरकार की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए वैध डीलरों ने उम्मीद जताई है कि अब गैरकानूनी वाहन बिक्री पर लगाम लगेगी.
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