डिब्बे में मची अफरा-तफरी के बीच दिखाया साहस और कौशल
संवाददाता, कोलकाता.
नयी दिल्ली से डिब्रूगढ़ जा रही राजधानी एक्सप्रेस में सोमवार की शाम उस समय दहशत फैल गयी, जब आठ माह के शिशु ने अचानक सांस लेना बंद कर दिया और बेहोश हो गया. इसी दौरान उसी कोच में यात्रा कर रहे भारतीय थल सेना के जवान ने साहस और तत्परता दिखाते हुए बच्चे की जान बचा ली. यह जानकारी भारतीय सेना ने शनिवार को साझा की.
सेना के अनुसार घटना लगभग अपराह्न 4:30 बजे हुई. ट्रेन के एस-4 कोच में यात्रा के दौरान शिशु को गंभीर सांस की तकलीफ हुई और उसकी मां भी सदमे में आ गयी. डिब्बे में अफरा-तफरी मच गयी. इसी बीच छुट्टी से लौट रहे सिपाही सुनील, जो 456 फील्ड हॉस्पिटल के एम्बुलेंस असिस्टेंट हैं, ने स्थिति संभाली. उन्होंने बच्चे की नाड़ी और सांस की जांच की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने पेडियाट्रिक सीपीआर और मुख से मुख में सांस देने की तकनीक अपनायी. दो चक्र सीपीआर देने के बाद बच्चे में हलचल दिखी और उसने सांस लेना शुरू कर दिया. सिपाही सुनील ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन स्टाफ और रेलवे पुलिस से संपर्क किया और रंगिया स्टेशन पर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करवायी. स्वास्थ्य कर्मियों ने शिशु का इलाज संभाला. भारतीय सेना ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सिपाही सुनील की त्वरित और प्रशिक्षित कार्रवाई ने शिशु की जान बचायी. सेना प्रवक्ता ने कहा, “उनकी साहस, विवेक और निस्वार्थ सेवा ने इस मासूम की जान बचायी. यह साबित करता है कि फौज का हर जवान हर परिस्थिति में सेवा के लिए तत्पर रहता है.”
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