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एसआइआर की दहशत: चार जिलों में चार लोगों की हुई मौत

परिजनों का आरोप- मतदाता सूची में गड़बड़ी से बढ़ी घबराहट

परिजनों का आरोप- मतदाता सूची में गड़बड़ी से बढ़ी घबराहट

कोलकाता. एसआइआर को लेकर बढ़ती राजनीतिक गर्मी के बीच राज्य में दहशत का माहौल गहराता जा रहा है. इसी बीच चार जिलों दक्षिण 24 परगना, हुगली, बीरभूम और जलपाईगुड़ी से चार लोगों की मौत होने की सूचना है. परिजनों का दावा है कि ये मौतें एसआइआर को लेकर डर और तनाव का नतीजा हैं. दक्षिण 24 परगना जिले के कुलपी ब्लॉक के ढोला ग्राम पंचायत के कालीचरणपुर गांव निवासी शहाबुद्दीन पाइक (45) की शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. परिवार का कहना है कि शहाबुद्दीन पिछले कुछ दिनों से एसआइआर को लेकर बेहद परेशान थे. उनका और उनकी पत्नी का नाम 2002 की मतदाता सूची में शामिल नहीं था. साथ ही पत्नी के दस्तावेजों में विसंगतियां मिलने से उनकी चिंता और बढ़ गयी थी. मौत की सूचना मिलते ही तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर कुलपी के विधायक योगरंजन हाल्दार और मथुरापुर के सांसद बापी हाल्दार अस्पताल पहुंचे और परिवार से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

बीरभूम जिले के सैंथिया नगरपालिका के वार्ड-14 में रहने वाले बिमान प्रमाणिक की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. परिवार के अनुसार, 2002 की मतदाता सूची में बिमान और उनकी बहन मल्लिका का उपनाम ‘प्रमाणिक’ की जगह पाल लिखा गया था.

वहीं, जलपाईगुड़ी जिले के धूपगुड़ी उपखंड की बरघरिया ग्राम पंचायत के दक्षिण डांगापाड़ा गांव में रहने वाले लालूराम बर्मन ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. परिवार का कहना है कि बीएलओ उनके घर पर गणना फॉर्म लेकर आया था. उसी दिन शाम को उन्होंने खुदकुशी कर ली. उधर, तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि लालूराम का नाम भी 2002 की मतदाता सूची में शामिल नहीं था, जिससे वह घबराए हुए थे.

इधर, हुगली जिले के सेवड़ाफुली स्टेशन के पास गरबागान रेड लाइट एरिया में बुधवार रात 49 वर्षीय सेक्स वर्कर बीथि दास का झूलता शव बरामद हुआ. सुबह जब इलाके के लोगों ने उसके कमरे से कोई आवाज नहीं सुनी, तो पुलिस को सूचना दी. सेवड़ाफुली पुलिस फांड़ी की टीम मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला. घटना की खबर पाकर चांपदानी के विधायक और हुगली-श्रीरामपुर जिला तृणमूल अध्यक्ष अरिंदम गुइन, बैद्यबाटी नगरपालिका के चेयरमैन पिंटू महतो और स्थानीय वार्ड नंबर 7 के कांग्रेस पार्षद मौके पर पहुंचे. अरिंदम गुइन ने आरोप लगाया कि बीथि दास का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं था. एसआइआर प्रक्रिया के दौरान नाम हट जाने के डर से वह तनाव में थीं.

और इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा, भाजपा लोगों के नाम सूची से हटाने की साजिश कर रही है, एसआइआर उसी का हिस्सा है.

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