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बालू तस्करी : इडी ने राज्य में आठ जगहों पर चलाया तलाशी अभियान

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को बालू तस्करी और खदानों के टेंडर घोटाले को लेकर राज्य में आठ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया.

मनीलॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की बड़ी कार्रवाई, दस्तावेज जब्त

नौ सितंबर को भी इडी ने चलाया था छापेमारी अभियान

संवाददाता, कोलकाताप्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गुरुवार को बालू तस्करी और खदानों के टेंडर घोटाले को लेकर राज्य में आठ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. कोलकाता, आसनसोल, झाड़ग्राम, लालगढ़ और गोपीबल्लभपुर समेत आठ जगहों पर छापेमारी की गयी. इडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह से छापेमारी की. केंद्रीय बलों की सुरक्षा में इडी अधिकारी जिन ठिकानों पर पहुंचे, उनमें कोलकाता के बेंटिंक स्ट्रीट और डालहौसी भी शामिल है. यहां एक कंपनी के दफ्तरों में घंटों तलाशी अभियान जारी रहा. यह कंपनी आसनसोल के एक बालू कारोबारी से जुड़ी बतायी गयी है.

लालगढ़ और झाड़ग्राम में भी बालू कारोबारियों के ठिकानों की ली गयी तलाशी: सूत्र बताते हैं कि इडी की दो अलग-अलग टीमें झाड़ग्राम के गोपीबल्लभपुर और लालगढ़ पहुंचीं, जहां कई अवैध खदानों की जांच की गयी. गोपीबल्लभपुर में ‘जीडी माइनिंग’ नामक कंपनी के दफ्तर में छापेमारी की गयी. इसके अलावा, लालगढ़ के बालू व्यापारी सौरभ राय के ठिकानों पर भी इडी अधिकारी जांच के लिए पहुंचे. बताया गया है कि सौरभ राय के पास झाड़ग्राम में कई खदानें हैं और लालगढ़ में उनका विशाल बंगला व ऑफिस है. यहां से पूरा कारोबार संचालित होता था.

इडी ने इसके पहले की कार्रवाई में जब्त की थी मोटी रकम : सूत्र बताते हैं कि गत नौ सितंबर को इडी ने बालू तस्करी मामले में पहली बड़ी छापेमारी की थी, जिसमें मेदिनीपुर के सौरभ राय के घर से करीब 65 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे. उसी दिन गोपीबल्लभपुर में एक अन्य कारोबारी के घर से 25 लाख रुपये मिले थे. गुरुवार की कार्रवाई उसी जांच का अगला चरण मानी जा रही है, जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल सबूत पहले से ही एजेंसी के पास मौजूद हैं.

अभियान में अहम दस्तावेज बरामद

इडी सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को कोलकाता, आसनसोल, झाड़ग्राम, लालगढ़, गोपीबल्लभपुर समेत आठ जगहों में एक साथ तलाशी के दौरान दो ठिकानों से नकद राशि की लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये गये हैं. जिन दफ्तरों पर छापेमारी हुई, वे ज्यादातर बालू कारोबार से जुड़ी कंपनियों के बताये जा रहे हैं.

आसनसोल में कारोबारी मनीष बगड़िया के घर पहुंची 40 इडी अधिकारियों की टीम

इडी सूत्र बताते हैं कि आसनसोल दक्षिण थाना क्षेत्र के मुरगाशोल इलाके में 41 नंबर वार्ड स्थित बालू व्यापारी मनीष बगड़िया के घर पर इडी की टीम ने गुरुवार तड़के छापेमारी की. करीब 40 सदस्यीय टीम ने सबसे पहले घर के सभी मोबाइल फोन जब्त किये. उसके बाद जांच शुरू की. बगड़िया पर आरोप है कि वह राज्य के कई जिलों में बालू घाटों के संचालन से जुड़े हैं और कई करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन उनके माध्यम से हुआ. इडी को संदेह है कि सरकारी घाटों से बालू उठाने के नाम पर फर्जी कागजात तैयार कर बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की गयी.

अब मनी ट्रेल पर प्रवर्तन निदेशालय की नजर

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम छापामारी के बाद अब पता लगा रही है कि बालू तस्करी से कमाये गये करोड़ों रुपये किस चैनल के जरिये अन्य कारोबार में निवेश किये गये. मनी ट्रेल का विश्लेषण करने के लिए जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है. एजेंसी ने कुछ कारोबारी खातों को चिन्हित किया है, जिनमें संदिग्ध लेनदेन पाये गये हैं. गुरुवार को कोलकाता से लेकर झाड़ग्राम तक इडी की यह छापेमारी बालू माफिया नेटवर्क की जड़ें हिलाने वाली मानी जा रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि अवैध उत्खनन, फर्जी नंबरों वाले ट्रक, नकली क्यूआर कोड और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की कथित मिलीभगत ने मिलकर राज्य में करोड़ों का समानांतर कारोबार खड़ा किया. अब इडी उस कड़ी को तोड़ने में जुटी है, जो अवैध बालू व्यापार को राजनीतिक और आर्थिक शक्ति से जोड़ती है. छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

कैसे चल रहा था बालू तस्करी का नेटवर्क

इडी सूत्र बताते हैं कि अबतक की जांच में जो जानकारी निकलकर सामने आयी है, उसमें पता चला है कि, सरकारी नियमों को दरकिनार कर बालू की तस्करी का एक संगठित नेटवर्क सक्रिय था. एक ही वाहन नंबर का उपयोग कई ट्रकों में किया जाता था, ताकि रिकार्ड में कोई गड़बड़ी न दिखे. बालू उठाने की अनुमति पत्रों में दिये गये क्यूआर कोड को भी फर्जी तरीके से तैयार किया जाता था. सरकारी नियंत्रण वाले घाटों से नियम से ज्यादा ट्रक भेजे जाते थे. कुछ स्थानों पर प्रशासनिक मिली भगत के भी संकेत मिले हैं. इन तरीकों से सरकारी खदानों से बालू निकालकर नकदी वसूली की जाती थी और वह रकम अन्य व्यापारों या शेल कंपनियों के जरिए सफेद की जाती थी. झाड़ग्राम और आसनसोल के स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय ट्रकों की आवाजाही आम बात थी. इलाके में बालू के अवैध उत्खनन की शिकायतें कई बार हुईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ अधिकारी इस नेटवर्क की जानकारी होने के बावजूद अनदेखी करते रहते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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