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बंगाली प्रवासी श्रमिकों पर प्रस्ताव को लेकर विधानसभा में हंगामा, भाजपा का वॉकआउट

मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया, जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बंगाली प्रवासियों पर कथित हमलों के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया.

विशेष सत्र. सैन्य कार्रवाई पर मंत्री की टिप्पणी के बाद गरमाया सदन, अब गुरुवार को होगी चर्चा

संवाददाता, कोलकातामंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया, जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बंगाली प्रवासियों पर कथित हमलों के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया. भाजपा विधायकों ने शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु की एक टिप्पणी के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया, जिसमें उन्होंने सेना की कार्रवाई की तुलना 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान हुई गोलीबारी से की थी. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने यह कदम तब उठाया, जब मंत्री ब्रत्य बसु ने सोमवार को कोलकाता में तृणमूल के एक मंच को हटाने की सैन्य कार्रवाई की तुलना 1971 के तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बंगाली भाषा आंदोलन के दौरान निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हुई गोलीबारी से कर दी. संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने नियम 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने दिल्ली में एक बंगाली प्रवासी मजदूर के बच्चे के साथ कथित प्रताड़ना की घटना का जिक्र करते हुए इसे बंगालियों पर हो रहे उत्पीड़न का उदाहरण बताया.

चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री बसु ने आरोप लगाया कि सेना ने मेयो रोड पर गांधी प्रतिमा के पास तृणमूल के मंच को ध्वस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि इस घटना ने उन्हें 1971 के भाषा आंदोलन के दौरान अपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए जान देने वाले लोगों की याद दिला दी. बसु ने कहा, “भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों पर हमलों के विरोध में तैयार किये गये हमारे मंच को जब सेना ने गिरा दिया, तो हमारी मुख्यमंत्री खुद घटनास्थल पर पहुंचीं. इसने मुझे उन लोगों पर हुई गोलीबारी की याद दिला दी, जिन्होंने हमारी भाषा और पहचान की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी.”

इस टिप्पणी के बाद भाजपा सदस्यों ने तुरंत हंगामा शुरू कर दिया. शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक लाभ के लिए सेना जैसी गौरवशाली संस्था को बदनाम कर रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना की क्रूरता की तुलना भारतीय सेना की कार्रवाई से करना गलत है. स्पीकर द्वारा मंत्री की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने से इनकार करने के बाद भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गये. इस प्रस्ताव पर अब गुरुवार को दो घंटे की चर्चा होगी, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हिस्सा ले सकती हैं. इस मुद्दे को 24 घंटे से भी कम समय में विधानसभा में उठाया गया, जब सेना ने मेयो रोड पर तृणमूल के मंच को यह कहकर हटा दिया था कि पार्टी ने तय समय सीमा से अधिक समय तक वहां कब्जा कर रखा था. बता दें कि मेयो रोड रक्षा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है.

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