कोलकाता. दक्षिण 24 परगना के बजबज के 65 वर्षीय निवासी अतिन हाल्दार ने लगभग 2485 किलोमीटर पैदल चलकर बजबज से कन्याकुमारी पहुंचकर एक अद्भुत मिशन पूरा किया है. उनके इस प्रयास का उद्देश्य बजबज के ऐतिहासिक महत्व और गौरव को पूरे देश में प्रचारित करना था. बजबज स्वतंत्रता आंदोलन का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. नेताजी सुभाषचंद्र बोस की कई गतिविधियां यहां हुईं. कवि नजरुल इस्लाम ने यहां वर्षों बिताये. कोमागातामारू जहाज से उतारे गये स्वतंत्रता सेनानियों पर ब्रिटिशों ने यहीं गोलियां चलायी थीं. स्वामी विवेकानंद अमेरिका से लौटने के बाद सबसे पहले बजबज ही आये थे.इन्हीं ऐतिहासिक तथ्यों को देशभर तक पहुंचाने के लिए अतिन हाल्दार ने महालया के दिन अपनी यात्रा शुरू की थी. उनके कंधे पर बैग, शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज और विवेकानंद की तस्वीर थी. यात्रा मार्ग भी लिखा था : बजबज से कन्याकुमारी रॉक. 61 दिनों तक लगातार चलने के बाद वे कन्याकुमारी पहुंचे और फिर ट्रेन से वापस लौटे. उन्होंने बताया कि यात्रा बेहद कठिन थी, लेकिन लोगों ने रास्ते भर सहयोग किया. कई लोगों ने उन्हें अपने घर बुलाया. दिन में सिर्फ बिस्कुट या उपवास और रात में रोटी खाकर वह आगे बढ़ते रहे. उनके लौटने पर बजबज रेलवे स्टेशन पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया.
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