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भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन रेलवे नेटवर्क बनने की ओर अग्रसर : मिलिंद देउस्कर

इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी ) की ओर से शुक्रवार को महानगर में तीसरे रेल इंडिया फोरम का आयोजन किया गया.

आइसीसी के तीसरे रेल इंडिया फोरम में ग्रीन और कॉस्ट-एफिशिएंट नेशनल लॉजिस्टिक्स के लिए इंटीग्रेटेड रोडमैप की दिशा हुई तय

संवाददाता, कोलकाता.

इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी ) की ओर से शुक्रवार को महानगर में तीसरे रेल इंडिया फोरम का आयोजन किया गया. इसमें इंडियन रेलवे, बड़े पोर्ट्स और नेशनल प्रोजेक्ट एजेंसियों के सीनियर लीडर्स ने हिस्सा लिया और भारत के रेल, पोर्ट और मेट्रो वाले लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को बदलने के लिए एक अपना विजन पेश किया.

कार्यक्रम में बतौर वक्ता अपने संबोधन में पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट कोलकाता के चेयरमैन रथेंद्र रमन, आरवीएनएल के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर विपिन कुमार और आईसीसी नेशनल एक्सपर्ट कमेटी- रेलवे के चेयरमैन और जुपिटर वैगंस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर विकास लोहिया मौजूद रहे. फोरम ने लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम करने, माल ढुलाई की एफिशिएंसी बढ़ाने, ग्रीन एनर्जी अपनाने पर जोर दिया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर ने कहा कि इंडियन रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन रेलवे नेटवर्क बनने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि रेलवे को ग्रीन बनाने की शुरुआत सिर्फ ऑपरेशनल बदलावों के बजाय नेशनल, सिटिजन-फर्स्ट अप्रोच से होनी चाहिए. फोरम को संबोधित करते हुए, श्री देउस्कर ने भारत के सस्टेनेबल मोबिलिटी विजन को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व रेलवे की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने “रोडमैप टू नेट जोरो 2030” के बारे में विस्तार से बताया और नेट-जोरो कार्बन एमिशन के उद्देश्य से पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार रेल ऑपरेशन की ओर बदलाव सुनिश्चित करने की स्ट्रैटेजिक प्लानिंग की जरूरत पर जोर दिया. श्री देउस्कर ने सस्टेनेबल स्टेशनों और रोलिंग स्टॉक में इनोवेशन पर भी बात की, और स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशनल एसेट्स को बदलने में मॉडर्न टेक्नोलॉजी, इनोवेटिव फाइनेंसिंग मॉडल और ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस की भूमिका पर जोर दिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता के चेयरमैन रथेंद्र रमन, नेशनल लॉजिस्टिक्स ट्रांसफॉर्मेशन के लिए पोर्ट और रेलवे के बीच तालमेल पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “कोलकाता और हल्दिया के बीच कोलकाता में करीब 20 किमी. और हल्दिया में 125 किमी ट्रैक है, जो 145 वर्षों से व्यापार को सपोर्ट कर रहा है.” उन्होंने ग्रीन लॉजिस्टिक्स के लिए माल ढुलाई को सड़क से रेल और इनलैंड वॉटरवे पर शिफ्ट करने पर जोर दिया.

इसके बाद आरवीएनएल के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, विपिन कुमार, आईसीसी नेशनल एक्सपर्ट कमेटी- रेलवे के चेयरमैन और जुपिटर वैगंस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर विकास लोहिया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. तीसरे रेल इंडिया फोरम इवेंट में सीनियर पॉलिसीमेकर्स, इंडस्ट्री लीडर्स और एक्सपर्ट्स भारत में सस्टेनेबल रेलवे डेवलपमेंट के भविष्य पर विस्तार से चर्चा हुई.

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