हावड़ा. हावड़ा नगर निगम (एचएमसी) प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती के इस्तीफे ने शहर की राजनीति में नयी हलचल मचा दी है. छठपर्व के दौरान उनका पद छोड़ना, जब निगम और जिला प्रशासन घाटों पर निरीक्षण में व्यस्त थे, इस बात की ओर संकेत करता है कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर सबकुछ सामान्य नहीं है. इससे पहले दुर्गापूजा के समय वाइस चेयरमैन सैकत चौधरी ने भी इस्तीफा दिया था, जिससे पार्टी के अंदर चल रहे अंतर्विरोध की चर्चा और तेज हो गयी है. अब हावड़ा के राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें जोरों पर हैं कि आखिर अगला कदम क्या होगा. क्या हावड़ा नगर निगम में एक नया प्रशासक नियुक्त किया जायेगा या फिर मेयर पद के लिए चुनाव कराये जायेंगे? विपक्ष ने साधा निशाना : भाजपा ने तृणमूल पर जमकर हमला बोला है. पार्टी के हावड़ा जिला महासचिव अच्युतानंद दीपक ने कहा : चेयरमैन और वाइस चेयरमैन, दोनों का एक साथ इस्तीफा देना इस बात का सबूत है कि तृणमूल जनता के साथ खेल रही है. एक तरफ हावड़ा नालों के पानी में डूबा है, दूसरी तरफ तृणमूल नेता सत्ता की कुर्सी के खेल में व्यस्त हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर छह महीने में प्रशासक बदल कर हावड़ा के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं. वहीं, कांग्रेस नेता और एआइसीसी सदस्य पलाश भंडारी ने कहा : सुजय या सैकत हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं हैं. असली सवाल यह है कि क्या हावड़ा में लोकतंत्र खत्म हो चुका है? 2018 से लगातार चुनाव टाले जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि तृणमूल ने लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है. 2013 के बाद नहीं हुआ मेयर का चुनाव : गौरतलब है कि हावड़ा नगर निगम में आखिरी बार 2013 में चुनाव हुए थे, जिसमें रथीन चक्रवर्ती मेयर बने थे. 2018 में निगम बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से अब तक चुनाव नहीं कराये गये हैं. इसके बजाय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गयी है. गत चार वर्ष पहले सुजय चक्रवर्ती को अचानक एचएमसी का प्रशासक बनाया गया था. तब से अबतक आठ बार प्रशासक बदले गये या उनका कार्यकाल बढ़ाया गया. एक प्रतिष्ठित चिकित्सक होने के बावजूद सुजय के पास प्रशासनिक अनुभव नहीं था, लेकिन उन्होंने जलभराव, कचरा प्रबंधन और सड़क मरम्मत जैसे मुद्दों पर कुछ पहल की थी. इसके बावजूद, इस माॅनसून में हावड़ा के कई इलाकों में जलभराव, अवैध निर्माण और सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों की नाराजगी बनी रही. अब देखना यह है कि तृणमूल कांग्रेस हावड़ा नगर निगम में एक और प्रशासक नियुक्त करती है या आखिरकार सात साल बाद यहां लोकतांत्रिक चुनाव कराती है. सुजय चक्रवर्ती ने दिया इस्तीफा, बताया व्यक्तिगत कारण गत रविवार को सुजय चक्रवर्ती ने प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से लिया है. हालांकि राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि निगम के कामकाज को लेकर जनता में बढ़ते असंतोष के चलते तृणमूल ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति के तहत यह बदलाव किया है. तृणमूल कांग्रेस जल्द ही हावड़ा जिले के एक वरिष्ठ और साफ-सुथरी छवि वाले नेता को नया प्रशासक नियुक्त कर सकती है. पार्टी का मानना है कि निगम की साख सुधारने और आगामी विधानसभा या निगम चुनावों की तैयारी के लिए यह कदम आवश्यक है. 2018 में प्रशासक नियुक्ति का बाद कब-कब हुआ फेरबदल हावड़ा नगर निगम में 2018 में प्रशासक नियुक्ति के बाद आठ बार फेरबदल किया गया. एचएमसी प्रशासनिक बोर्ड में नियुक्ति कार्यकाल अवधि बिजीन कृष्णन आइएएस (एडमिनिस्ट्रेटर) 11 दिसंबर 2028 से 24 फरवरी 2019 बिजीन कृष्णन आइएएस (चेयरमैन ) 25 फरवरी 2019 से 6 अक्तूबर 2019 बिजीन कृष्णन आइएएस (एडमिनिस्ट्रेटर) 7 अक्तूबर 2019 से 29 अप्रैल 2020 धवल जैन, आइएएस (एडमिनिस्ट्रेटर) 29 अप्रैल 2020 से 5 नवंबर 2020 मुक्ता आर्या, डीएम-हावड़ा (एडमिनिस्ट्रेटर) 5 नवंबर 2020 से 7 दिसंबर 2020 अभिषेक कुमार तिवारी,आइएएस (एडमिनिस्ट्रेटर)7 दिसंबर 2020 से 12 मई 2021 मंत्री अरूप राय (चेयरमैन)12 मई 2021 से 17 अगस्त 2021 डॉ सुजय चक्रवर्ती (चेयरमैन ) 18 अगस्त 2021 से वर्तमान तक
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