मुख्यमंत्री को सरकारी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था कोलकाता. राज्यपाल कार्यालय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पारित दो संशोधन विधेयकों को मंजूरी नहीं दी है, जिनमें राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को सरकारी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रस्ताव किया गया था. इसके परिणामस्वरूप राज्यपाल सीवी आनंद बोस मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बने रहेंगे. अप्रैल 2024 में बोस ने पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022 और पश्चिम बंगाल कृषि विश्वविद्यालय कानून (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के विचाराधीन भेज दिया था. उसी वर्ष पारित हुए दोनों विधेयकों के जरिये सरकारी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को बनाने का प्रावधान किया गया था. राज्यपाल कार्यालय के बयान में यह भी बताया गया कि सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रमुख कानूनों में फिलहाल यह प्रावधान है कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति होंगे.
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