एएसआइ सहित पांच पुलिसकर्मी हुए जख्मी, जीप में भी तोड़फोड़ कोलकाता. राज्य में फिर पुलिस पर हमला का मामला सामने आया. एक आरोपी युवक को मॉब लिंचिंग से बचाने के लिए पुलिस पहुंची, तो एएसआइ समेत पांच पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया. यहां तक कि हरिश्चंद्रपुर थाने के आइसी को भी कथित तौर पर परेशान किया गया. आरोप है कि उग्र भीड़ ने एक पुलिस जीप में भी तोड़फोड़ की. घटना मंगलवार सुबह मालदा के हरिश्चंद्रपुर थाने की सुल्ताननगर ग्राम पंचायत के दतियन गांव में हुई. घटना ने रणक्षेत्र का रूप ले लिया. भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच कर हालात को नियंत्रित किया. आरोप है कि पूरी घटना एक स्थानीय तृणमूल नेता के आदेश पर हुई. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गांव की एक युवती खेत में गाय बांधने गयी थी. उसी दौरान एक स्थानीय युवक ने एक कागज पर अपना फोन नंबर लिख कर देने लगा. जब युवती ने इसे लेने से इनकार कर दिया, तो युवक ने कथित तौर पर अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया. यह भी आरोप है कि उसके साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गयी. घटना का पता चलते ही युवती के परिजनों ने स्थानीय हरिश्चंद्रपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर जब पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने गयी, तो पता चला कि छेड़छाड़ की घटना को लेकर गांव में मध्यस्थता बैठक हुई. यह मध्यस्थता बैठक जियाउल हक नाम के एक शख्स के आदेश पर हुई थी. स्थानीय लोगों का दावा है कि जियाउल तृणमूल का सक्रिय सदस्य है. बैठक के दौरान नेता के आदेश पर आरोपी युवक की सामूहिक पिटाई शुरू हुई. सूचना मिलने पर पुलिस उसे बचाने के लिए पहुंची, तो ग्रामीण भड़क गये. नाराज लोगों ने बांस-बल्लियों और लाठियों से पुलिस पर टूट पड़े. पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके गये. देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. घटना की खबर मिलते ही हरिश्चंद्रपुर थाने के आइसी मनोजीत सरकार मौके पर पहुंचे. कथित तौर पर उन्हें भी लोगों के नाराजगी का सामना करना पड़ा. घटना के तुरंत बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. पुलिस ने घटना को लेकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया. पूरा गांव पुरुषविहीन हो गया है. सभी पुरुष गांव छोड़ कर फरार हो गये हैं. घायल दो पुलिस अधिकारियों समेत पांच पुलिसकर्मियों को हरिश्चंद्रपुर ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. थाने के एक अधिकारी ने बताया कि लड़की के परिवार ने सोमवार दोपहर हरिश्चंद्रपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले ही ग्रामीणों ने गांव में आरोपी युवक की सामूहिक पिटाई की गयी. दूसरी ओर जियाउल हक ने दावा किया कि उन्होंने किसी मध्यस्थता का आदेश नहीं दिया था. आरोप पूरी तरह से निराधार है. जिले के तृणमूल नेताओं ने घटना की निंदा की. दोषियों को गिरफ्तार कर सजा देने की मांग उठायी.
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