संवाददाता, कोलकाता
आरजी कर कांड के नौ अगस्त को एक वर्ष पूरे होने पर कोलकाता में सीनियर व जूनियर डॉक्टरों की ओर से कई तरह के कार्यक्रम किये गये. सीनियर डॉक्टरों के नेतृत्व में गठित अभया मंच की ओर से कालीघाट चलो अभियान भी किया गया. ऐसे में इस अभियान के बाद अब अभया मंच के संयोजक डॉ पुण्यब्रत गुण और डॉ तमोनाश चौधरी को कोलकाता पुलिस ने तलब किया है. सीनियर डॉक्टरों की ओर से इसकी निंदा की गयी है. डॉक्टरों के संगठन की ओर से कहा गया है कि नौ अगस्त को शांतिपूर्ण तरीके से हाजरा क्रॉसिंग पर सभा की गयी थी. इसके बाद भी पुलिस ने दो चिकित्सकों को तलब किया है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. इस संबंध में ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर की ओर से एक प्रेसवार्ता जारी कर कहा गया है कि जहां आरजी कर में हत्या, बलात्कार के साक्ष्य को नष्ट करने और भ्रष्टाचार की जांच में प्रशासन की भूमिका अब तक मौन रही है, वहीं आंदोलन के कानून तोड़ने के नाम पर डॉक्टरों को अचानक तलब करना मजाक नहीं तो क्या है? हमारा मानना है कि यह किसी धमकी संस्कृति से कम नहीं है. पुलिस और राज्य प्रशासन की यह भूमिका स्पष्ट रूप से लोकतांत्रिक अधिकारों के आंदोलन के विरुद्ध है. हमारा मनना है कि एक डॉक्टर को तलब करने का मतलब है पूरे चिकित्सक समुदाय को तलब करना. हर समन का सामूहिक, कानूनी, संगठित तौर पर जबरदस्त जवाब दिया जायेगा. यह समन सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि डॉक्टरों और नागरिक समाज पर सवाल उठाने, उन्हें डराने और चुप कराने का एक प्रयास है.
इस तरह, किसी एक डॉक्टर को नहीं, बल्कि पूरे समाज को चुप कराने की कोशिश की जा रही है. ये दोनों चिकित्सक प्रतिनिधि न सिर्फ प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के, बल्कि प्रदर्शनकारी नागरिक समाज के भी प्रतिनिधि हैं. हम चुप नहीं रहेंगे.
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