सुनवाई. बैंकशाल कोर्ट में पेश हुए 11 चिकित्सकों को मिली जमानतसंवाददाता, कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के विरोध में हुए आंदोलन में शामिल जूनियर व सीनियर चिकित्सकों के एक समूह के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. गुरुवार को आरोपित 11 चिकित्सक बैंकशाल कोर्ट में पेश हुए और जमानत प्राप्त कर ली. आरजी कर आंदोलन के समय सहकर्मी के लिए न्याय की मांग और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की चाह में बड़ी संख्या में डॉक्टर सड़क पर उतरे थे. धरना और अनशन भी हुआ था. इसी दौरान पुलिस कार्य में बाधा डालने के आरोप लगे थे. इसी मामले में पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए चार्जशीट दाखिल की है. जिनके नाम शामिल किये गये हैं, उनमें आंदोलन के प्रमुख चेहरे देवाशीष हालदार, किंजल नंद, अनुष्टुप मुखोपाध्याय, सुवर्ण गोस्वामी समेत कई चिकित्सक हैं. गुरुवार को 11 चिकित्सक अदालत पहुंचे और जमानत की अर्जी दी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया. चिकित्सकों के पक्ष में अधिवक्ता यासीन रहमान ने अदालत में कहा कि सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगा कर पुलिस ने चिकित्सकों के खिलाफ चार्जशीट दी है. ये चिकित्सक आरजी कर आंदोलन में शामिल थे. अस्पताल परिसर में हुए दुष्कर्म व हत्या के खिलाफ आवाज उठायी थी. सरकार इससे असहज हुई और कड़ी कार्रवाई की गयी. चिकित्सक इसलिए स्वयं अदालत में पेश हुए और जमानत ली. वे इस मामले को कानूनी रूप से लड़ कर जीतना चाहते हैं. वहीं, चिकित्सक सुवर्ण गोस्वामी ने अदालत परिसर से सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा : राज्य सरकार के निर्देश पर कोलकाता पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ बदले की भावना से कदम उठायी है. हम जो न्याय की मांग में सड़क पर उतरे, रैलियां निकालीं, उन्हीं पर तरह-तरह के आरोप लगा दिये गये. हम रोज सरकारी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं. वेतन लेते हैं. फिर भी पुलिस ने हमें भगोड़ा दिखाया है. आरोप लगाया गया कि हमने पुलिस पर आपराधिक बल प्रयोग किया. उनके काम में बाधा डाली. कठपुतली दहन को आगजनी की कोशिश बताया गया, इसलिए हमने स्वयं अदालत में हाजिर होकर जमानत ली.
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