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तृणमूल विधायक परेश अधिकारी व उनकी बेटी ने कोर्ट में किया सरेंडर

पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को दो मामलों में जमानत, लेकिन जेल से अभी रिहाई नहीं

परेश अधिकारी और उनकी बेटी को मिली अंतरिम जमानत

कोलकाता. शिक्षक नियुक्ति घोटाले के मामले में तृणमूल कांग्रेस विधायक परेश अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी ने बुधवार को अलीपुर अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत मांगी. अंकिता अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने गड़बड़ी कर नौकरी हासिल की. अदालत ने दोनों को अंतरिम जमानत दे दी. उधर, शिक्षक िनयुक्ति घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत मिल गयी. बुधवार को अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से उन्हें राहत मिली. उन्हें दो मामलों में जमानत मिली है. एसएससी के जरिये नवम-दशम श्रेणी की नियुक्तियों से जुड़े घोटाले के मामले में अदालत ने उन्हें सात हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. साथ ही 11वीं और 12वीं कक्षा में शिक्षकों की नियुक्ति के सिलसिले में कथित घोटाले के मामले में भी उन्हें जमानत मिल गयी. हालांकि, फिलहाल उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है, क्योंकि नियुक्ति घोटाले के अन्य कई मामलों में चटर्जी बरी नहीं हुए हैं.यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा दायर चार्जशीट में पार्थ चटर्जी का नाम आने से जुड़ा है. उन्हें इस केस में गिरफ्तार नहीं किया गया था. उक्त मामले में दाखिल चार्जशीट में नाम दर्ज होने पर चटर्जी की ओर से अदालत में जमानत की याचिका दायर की गयी थी. बुदवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने पूर्व शिक्षा मंत्री चटर्जी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली, जिससे उन्हें कुछ राहत मिली.

गौरतलब है कि वर्ष 2022 में एसएससी के जरिये हुई नियुक्तियों के घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था. तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं. उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) और सीबीआइ की ओर से कई मामले दर्ज हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इडी के एक मामले में उन्हें जमानत दी थी और सीबीआइ के भी एक मामले में राहत मिली थी. बावजूद इसके, अन्य मामलों में नाम दर्ज होने की वजह से उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकी. वर्तमान में चटर्जी अस्वस्थ हैं और संशोधनागार अस्पताल में भर्ती हैं. वकीलों के माध्यम से वे अदालत की कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं. इस दिन सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ‘हर मामले में इनकी भूमिका अहम रही है और समाज पर इसका असर पड़ा है.’ लेकिन लंबी बहस के बाद अदालत ने जमानत मंजूर कर ली.

जानकारी के अनुसार, सीबीआइ ने एसएससी के जरिये ग्रुप-सी में हुई नियुक्तियों के घोटाले, कक्षा नवम-दशम और एकादश-द्वादश में हुए नियुक्ति घोटालों की जांच में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इसमें 75 अभियुक्तों के नाम दर्ज हैं और सभी को विशेष अदालत में हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था. बुधवार को अधिकांश आरोपी अदालत में पेश हुए थे.

शिक्षक नियुक्ति घोटाले में इनको भी मिली जमानत

बुधवार को इस मामले में केवल चटर्जी ही नहीं, बल्कि इमाम मोमिन, पंकज बंसल, नीलाद्रि दास, अब्दुल खालिक, पर्णा बसु, समरजीत आचार्य, दिलीप भौमिक, रोहित झा, सुबीर घोष, जूही दास (जुई) और सौमित्र घोष समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गयी है. हालांकि, अदालत ने मामले के अन्य आरोपी कल्याणमय गांगुली और अशोक साहा व अन्य की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

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