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तारकेश्वर-विष्णुपुर रेल परियोजना पर काम जल्द शुरू करने का आदेश

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कलकत्ता हाइकोर्ट के गुरुवार के निर्देश से तारकेश्वर-बिष्णुपुर रेल परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर नयी उम्मीद जगी है

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आठ वर्षों से ठप पड़ा है काम

संवाददाता, कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट के गुरुवार के निर्देश से तारकेश्वर-बिष्णुपुर रेल परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर नयी उम्मीद जगी है. अदालत ने परियोजना के तहत भवादिघी के हिस्से का कार्य अगले तीन महीनों के भीतर पूरा करने का आदेश दिया है.

यह परियोजना पिछले आठ वर्षों से ठप पड़ी थी. दरअसल, हुगली जिले के गोघाट और कामारपुकुर के बीच भवादिघी से होकर गुजरने वाली रेल लाइन के विरोध में जनहित याचिका दायर की गयी थी. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अब तक जिन हिस्सों में भूमि अधिग्रहण का कार्य रुका हुआ है, वहां कानून के तहत उचित मुआवजा देकर अगले तीन महीनों में अधिग्रहण पूरा किया जाये. वहीं, जहां मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है, वहां छह सप्ताह के भीतर काम शुरू करना होगा. इस योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार को रेल अधिकारियों का सहयोग करना होगा और भूमि अधिग्रहण से जुड़े सभी मुद्दों को सुलझाने में मदद करनी होगी.

गौरतलब है कि इस रेल परियोजना की घोषणा रेल मंत्री रहने के दौरान ममता बनर्जी ने की थी. मुख्य न्यायाधीश ने इस संदर्भ में कहा कि यदि ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री हैं, तो उनका कर्तव्य बनता है कि वह इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका निभायें. उम्मीद है कि वह स्वयं पहल करके रेल अधिकारियों को सहयोग प्रदान करेंगी.

उल्लेखनीय है कि भवादिघी क्षेत्र में मात्र 1.5 किलोमीटर रेलपथ का कार्य रुका हुआ है, जिसकी वजह से इस परियोजना का बजट 400 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

स्थानीय निवासियों की ओर से अधिवक्ता रघुनाथ चक्रवर्ती ने दलील दी कि यदि भवादिघी के ऊपर से रेल लाइन गुजरेगी, तो यहां स्थित एक वृहद जलाशय का जल प्रवाह बाधित होगा. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘क्या आपको पता है कि अब बंगाल की खाड़ी के ऊपर से भी रेल चलायी जा रही है? आज की आधुनिक तकनीक से इस समस्या का समाधान संभव है.’ अदालत ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान सभी संबंधित पक्षों को संतुलित समाधान निकालने की आवश्यकता पर जोर दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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