पूर्वी भारत के आध्यात्मिक पर्यटन में रचा नया इतिहास
30 अप्रैल 2025 से 28 दिसंबर 2025 के बीच मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है
प्रतिनिधि, हल्दियादीघा में निर्मित जगन्नाथ धाम ने स्थापना के एक वर्ष पूरा होने से पहले ही ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कर ली है. 30 अप्रैल 2025 से 28 दिसंबर 2025 के बीच मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है. यह उपलब्धि न केवल दीघा, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के आध्यात्मिक पर्यटन के लिए एक नये अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है. अब तक समुद्र तट पर्यटन के लिए पहचानी जाने वाली दीघा तेजी से एक प्रमुख तीर्थ नगरी के रूप में उभर रही है. देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. विशेष रूप से इस्कॉन से जुड़े विदेशी भक्तों की नियमित मौजूदगी ने जगन्नाथ धाम को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलायी है. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मंदिर परिसर और शांत समुद्री वातावरण श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है. धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का यह संगम दीघा को पूर्वी भारत के प्रमुख आध्यात्मिक गंतव्यों की सूची में शामिल कर रहा है. जगन्नाथ धाम के खुलने के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी उल्लेखनीय तेजी देखी गयी है. होटल व्यवसाय, परिवहन सेवाएं, दुकानदारी और छोटे कारोबारों को सीधा लाभ मिला है. इसके साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर भी सृजित हुए हैं, जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बल मिला है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में जगन्नाथ धाम दीघा को केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि पूर्वी भारत के एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.
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