डब्ल्यूबीसीइआरसी ने अस्पताल प्रबंधन को दिया माफीनामा भेजने का निर्देश कोलकाता. अब बड़े से लेकर छोटे कारोबारी ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करते हैं, यहां तक कि पुचका और सब्जी बेचने वाले भी डिजिटल भुगतान कर रहे हैं. लेकिन शहर के मदर नर्सिंग होम ने ऑनलाइन भुगतान लेने से इंकार किया, जिसके कारण वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (डब्ल्यूबीसीइआरसी) ने उस पर फटकार लगायी और प्रबंधन को मरीज के परिजनों को माफीनामा लिखने का निर्देश दिया. कमीशन के चेयरमैन और पूर्व जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने बताया कि प्रीतम सामंत नामक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई हुई. शिकायत में कहा गया कि इलाज के लिए नर्सिंग होम ने 2,605 रुपये का बिल जारी किया था, जिसमें मरीज के परिजनों के कहने पर 105 रुपये की छूट भी दी गयी. इसके बाद उन्हें 2,500 रुपये नकद देने को कहा गया, जबकि वे ऑनलाइन भुगतान करना चाहते थे. नर्सिंग होम का दावा था कि छूट देने के कारण ऑनलाइन भुगतान नहीं लिया गया. लेकिन मरीज के परिजनों का कहना था कि अन्य मरीजों और उनके परिजनों से ऑनलाइन भुगतान लिया गया था, जिसे प्रबंधन ने स्वीकार भी किया. सुनवाई के दौरान जस्टिस बनर्जी ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन भुगतान लेने से मना करना अनैतिक है. आयोग ने नर्सिंग होम प्रबंधन को चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं हों और मरीज के परिजनों को माफीनामा लिखने का आदेश दिया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

