कोलकाता. देश में डॉक्टरों की कमी लगातार स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बना रही है. सरकारी अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक यह समस्या साफ दिखायी देती है. इसी को ध्यान में रखते हुए नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने मेडिकल शिक्षा से जुड़ा अहम फैसला लिया है, जिससे आने वाले सालों में अधिक संख्या में डॉक्टर तैयार किये जा सकेंगे. एनएमसी ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए भी मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों से जुड़ी अस्थायी राहत जारी रखने का निर्णय लिया है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों को पहले की तरह 150 सीटों की सीमा में बांधकर नहीं रखा जायेगा. योग्य कॉलेज तय मानकों को पूरा करने पर अधिक छात्रों को एडमिशन दे सकेंगे. पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी है ताकि राज्य के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, एमडी-एमएस और एमसीएच की सीटों की संख्या बढ़ायी जा सके. राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षकों के साथ शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य भवन में समीक्षा बैठक बुलायी गयी है. जो स्वास्थ्य अधिकारी बैठक में व्यक्तिगत रूप से नहीं पहुंच सकेंगे, वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होंगे. बैठक शुक्रवार सुबह 10.30 बजे शुरू होगी.
इसमें विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, एमडी, एमएस और एमसीएच की सीटें बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा होगी. बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक, हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के निदेशक, स्वास्थ्य शिक्षा के विशेष सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे.
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