कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में चल रहे ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआइआर) से पता चला है कि राज्य में वोटरों की संख्या में असामान्य रूप से बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. ‘रिपोर्ट के अनुसार, साल 2002 में पिछले पुनरीक्षण के बाद से अब तक राज्य में रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 66 प्रतिशत बढ़ गयी है. यह संख्या 4.58 करोड़ से बढ़कर 7.63 करोड़ हो गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के जिन 10 जिलों में मतदाताओं की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है, उनमें से नौ जिले बांग्लादेश की सीमा से सटे हुए हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि इन सभी नौ सीमावर्ती जिलों में, वोटरों की संख्या में कम से कम 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. कुछ जिलों में तो यह बढ़ोतरी 100 प्रतिशत के आंकड़े को भी पार कर गयी है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी उत्तर दिनाजपुर जिले में हुई है, जहां वोटरों की संख्या 105.49 प्रतिशत बढ़ गयी है. इसके बाद मालदा जिला है, जहां यह बढ़ोतरी 94.58 प्रतिशत दर्ज की गयी है. वोटरों की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी को अगर जिलों के हिसाब से देखें तो मुर्शिदाबाद में 87.65 प्रतिशत, दक्षिण 24 परगना में 83.30 प्रतिशत, और जलपाईगुड़ी में 82.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके अलावा, कूचबिहार में 76.52 प्रतिशत और उत्तर 24 परगना में 72.18 प्रतिशत वोटर बढ़े हैं. वहीं, नदिया में 71.46 प्रतिशत और दक्षिण दिनाजपुर में 70.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हैरानी की बात यह है कि टॉप 10 जिलों में सिर्फ बीरभूम ही ऐसा है, जो बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ नहीं है, यहां भी वोटरों की संख्या 73.44 प्रतिशत बढ़ी है. इसके उलट, कोलकाता में मतदाताओं की संख्या में सबसे कम यानी सिर्फ 4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो 2002 के 23,00,871 से बढ़कर 2025 में 24,07,145 हुई है.बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी जिम्मेदार : तृणमूल
इस मामले पर तृणमूल के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने कहा है कि राज्य में वोटरों की संख्या में तेज उछाल आने का कारण बांग्लादेश से आये हिंदू शरणार्थी हैं. उन्होंने तर्क दिया कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी 1951 में 23 प्रतिशत थी, जो 2022 में घटकर सिर्फ आठ प्रतिशत रह गयी है. चक्रवर्ती ने कहा, “ये हिंदू चीन तो गये नहीं हैं. एक छोटा हिस्सा असम और त्रिपुरा गया है, लेकिन ज्यादातर लोग पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में आकर बस गए हैं.” श्री चक्रवर्ती ने भाजपा पर मुस्लिम घुसपैठ की झूठी कहानी फैलाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम घुसपैठिये उन इलाकों में बसे हुए हैं, जहां भाजपा चुनाव जीती है. श्री चक्रवर्ती ने आगे कहा कि मालदा और मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है और यहां तृणमूल ने सीटें जीती हैं. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऐसे धार्मिक विभाजन में विश्वास नहीं रखती हैंं.राज्य के सीमावर्ती जिलों में बदल रही डेमोग्राफी : भाजपा
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा, “हम यह बात सालों से कह रहे हैं और अब यह आंकड़ों में साफ दिख रहा है. बांग्लादेश से सटे सात जिलों की हालत चिंताजनक है, और घुसपैठ के कारण कई जिलों के मुस्लिम बहुल बनने की आशंका है.” श्री सिन्हा ने यह भी आरोप लगाया कि घुसपैठ और अड्डे बनाने का यह काम पूरी योजना के साथ हो रहा है, इसीलिए 2002 की तुलना में वोटरों की संख्या का प्रतिशत इतना ज्यादा बढ़ा हुआ दिख रहा है. सिन्हा ने बताया कि कोलकाता में घुसपैठ का असर इसलिए नहीं दिखता, क्योंकि यह शहर महंगा है और घुसपैठिए वहां का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने कहा कि घुसपैठिये कोलकाता को आने-जाने के रास्ते के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन रहने की जगह के तौर पर नहीं. कोलकाता में एक अपार्टमेंट खरीदना महंगा है. उतने ही पैसे में जिलों में 50 लोगों के रहने का इंतजाम हो सकता है.”बीएसएफ को इस पर ध्यान देना चाहिए था : माकपा
माकपा ने भी इस मामले में तृणमूल जैसे ही दावे किये हैं. माकपा के प्रदेश महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने इस संबंध में कहा कि बीएसएफ को इस पर ध्यान देना चाहिए था. हिंदू शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या भी दूसरों के साथ यहां आयी है, इसीलिए पड़ोसी देश में हिंदू आबादी कम हुई है. कोलकाता में सबसे कम वोटर बढ़ने के सवाल पर माेहम्मद सलीम ने कहा कि इसके दो मुख्य कारण हैं. पहला, राज्य में लेफ्ट फ्रंट के शासन के दौरान हमने छोटे शहरों को विकसित किया, इसलिए गांव के लोग सीधे कोलकाता न आकर बारासात जैसे कस्बों में बस गये. दूसरा, मुझे लगता है कि कुछ लोग कोलकाता से बाहर चले गये हैं या उपनगरों में बस गये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कोलकाता और राज्य के अन्य जिलों में जन्म दर भी एक वजह है, जो धार्मिक नहीं बल्कि पिछड़ेपन से जुड़ी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

