आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की जघन्य घटना की बरसी पर निकाला मार्च
बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए माता-पिता ने किया था नबान्न अभियान का एलान, शुभेंदु के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा नेता व कार्यकर्ता हुए शामिल
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की जघन्य घटना की पहली बरसी पर शनिवार को पीड़िता के माता-पिता ने इंसाफ की मांग को लेकर राज्य सचिवालय ‘नबान्न चलो अभियान’ का एलान किया था. इस दौरान कोलकाता और हावड़ा में अलग-अलग जगहों पर भारी हंगामा हुआ. सड़कों पर अराजकता का माहौल रहा. पुलिस की कार्रवाई में घायल हुईं पीड़िता की मां को सिर में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभया (पीड़िता) के पिता को भी चोटें लगी हैं.बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बीच, दोपहर करीब एक बजे धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग से पीड़िता के माता-पिता के नेतृत्व में मार्च नबान्न की ओर बढ़ा, जिसमें विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के कई नेता शामिल हुए. किसी के हाथ में पार्टी का झंडा नहीं था. लोग तिरंगा झंडा लहरा रहे थे. पार्क स्ट्रीट और जवाहरलाल नेहरू रोड की क्रॉसिंग पर पुलिस ने मार्च को रोक दिया, जिससे धक्का-मुक्की की स्थिति पैदा हो गयी. बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें रोकते हुए लाठीचार्ज किया. हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है. इसके बाद भाजपा विधायक, नेता व अन्य लोग वहीं धरने पर बैठ गये. यह धरना डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक चला.
प्रदर्शनकारियों का एक समूह इस दिन सुबह हावड़ा जिले के सांतरागाछी पहुंचा. प्रदर्शनकारी तिरंगे के अलावा महिला चिकित्सक के लिए न्याय और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग वाले पोस्टर और बैनर लिये हुए थे. वहां भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधक को पार करने का प्रयास किया. साथ ही पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई. एक प्रदर्शनकारी को यह कहते सुना गया: पुलिस हम पर गोली चला सकती है, लेकिन हम ‘नबान्न’ पहुंचने के लिए दृढ़ हैं, जहां राज्य सरकार को जवाब देना होगा कि एक साल बाद भी ‘अभया (आर जी कर कांड में जान गंवाने वाली चिकित्सक के लिए प्रतीकात्मक नाम) ’ को न्याय क्यों नहीं मिला.’ पुलिस लाउडस्पीकर के जरिये प्रदर्शनकारियों को कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश का पालन करने और कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए लगातार अपील कर रही थी, लेकिन प्रदर्शनकारी करीब 10 फुट ऊंचे अवरोधक पार करने की कोशिश करते दिखे.गौरतलब है कि धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग, रानी रासमणि एवेन्यू, सांतरागाछी और हावड़ा ब्रिज के आसपास भारी पुलिस बल व रैफ के जवानों की तैनाती थी. बैरिकेड लगाये गये थे. जलकमान की व्यवस्था की गयी थी. पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता पर किसी भी तरह के बल प्रयोग से इनकार किया है. उपायुक्त (पोर्ट) हरिकृष्ण पई ने संवाददाताओं से कहा: हमें पार्क स्ट्रीट चौराहे पर पुलिस द्वारा पीड़िता के माता-पिता की पिटाई की कोई जानकारी नहीं है. पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता के साथ कोई बदसलूकी नहीं की. लेकिन उनके आरोपों की उचित जांच की जायेगी.
पुलिस की कार्रवाई से विचलित हुए बिना, पीड़िता के माता-पिता विद्यासागर सेतु के नीचे हेस्टिंग्स तक चले गये, जहां उन्हें फिर से रोक दिया गया. पीड़िता की मां ने कहा ‘वे हमें इस तरह क्यों रोक रहे हैं? हम तो बस ‘नबान्न’ तक पहुंचना चाहते हैं और अपनी बेटी के लिए न्याय मांगना चाहते हैं.सूत्रों के अनुसार, नबान्न अभियान के दौरान हुए हंगामे व अदालत के निर्देश की अवहेलना करने के आरोप में पुलिस ने सात अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं. इनमें एक भाजपा नेता के खिलाफ भी है, जिनपर पुलिस को लेकर धमकी देने का आरोप है.
हाजरा मोड़ के पास हुई रैली :
उधर, दक्षिण कोलकाता में हाजरा क्रॉसिंग पर, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से कुछ सौ मीटर की दूरी पर है, एक अलग प्रदर्शन हुआ. चिकित्सक समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.100 से ज्यादा लोग हुए हैं घायल : शुभेंदु
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस के लाठीचार्ज में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. भाजपा नेता अर्जुन सिंह के घायल होने की सूचना है. हालांकि, पुलिस की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गयी है. अधिकारी ने यह भी दावा किया कि लाठीचार्ज के दौरान आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के माता-पिता घायल हो गये. अधिकारी ने चेताया: ममता बनर्जी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह विरोध आगे और भी बड़ा होने वाला है. ‘नबान्न’ चलो अभियान’ के तहत प्रदर्शनकारियों ने मृत चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की और पुलिस अवरोधक के बावजूद राज्य सचिवालय तक पहुंचने का अपना संकल्प व्यक्त किया.
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