कोलकाता. हुगली के खानाकुल में साधना के नाम पर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में आरामबाग कोर्ट ने तांत्रिक की पत्नी को फांसी और मृतका की दादी को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान तांत्रिक की मौत हो गयी थी. दोनों सजायाफ्ता कैदियों ने आरामबाग कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने दोनों कैदियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया. घटना दो फरवरी, 2018 की है. हुगली के खानाकुल के राधाबल्लभपुर इलाके की एक नाबालिग को उसकी दादी ने तंत्र साधना के लिए एक तांत्रिक के हवाले कर दिया. तांत्रिक का नाम मुरारी पंडित था. तांत्रिक ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी और शव को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था. घटना में तांत्रिक की मदद उसकी पत्नी सागरिका पंडित ने की थी. पुलिस ने जांच शुरू की और शव को सेप्टिक टैंक से बरामद किया. मामले में पुलिस ने तांत्रिक मुरारी पंडित, उसकी पत्नी सागरिका पंडित और मृतका की दादी को गिरफ्तार किया. मुकदमे के दौरान तांत्रिक की मौत हो गयी. आरामबाग अदालत के पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश किशन कुमार अग्रवाल ने पत्नी सागरिका पंडित को फांसी की सजा सुनायी थी, जबकि दादी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.
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