कोलकाता/मालदा. मुर्शिदाबाद से विस्थापित लोगों को मालदा के वैष्णवनगर में राहत शिविरों में रखा गया है. शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) व राष्ट्रीय महिला आयोग (एससीडब्ल्यू) की दो अलग-अलग टीमों ने पीड़ितों से मुलाकात की. एनएचआरसी ने हाल में मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया था. एनएचआरसी सदस्यों ने मालदा के परलालपुर हाइस्कूल में शिविर में रह रहे प्रभावित परिवारों के सदस्यों से बात की. आयोग ने कहा कि उसने ‘स्थिति की गंभीरता’ को देखते हुए एक तथ्यान्वेषी दल भेजने का फैसला किया है और तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है. वहीं, एससीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी पीड़िताें से मुलाकात की. उन्होंने कहा : आयोग ने बंगाल में हुई बेहद परेशान करने वाली घटना को गंभीरता से लेते हुए इसका स्वत: संज्ञान लिया है और हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है. उन्होंने कहा कि धुलियान के मंदिरपाड़ा व शमशेरगंज में सांप्रदायिक अशांति के दौरान कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की भयानक घटनाएं हुईं.
कई महिलाओं ने इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाएं अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गयीं और इनमें से कई महिलाओं ने भागीरथी नदी पार कर पड़ोसी मालदा जिले में शरण ली है. एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा : वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार किये गये हैं. महिलाओं के खिलाफ अत्याचार किये गये हैं. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में महिलाएं डरी हुई हैं. एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि उन्होने स्थानीय पीड़ितों व उनके परिजनों से बातचीत की है. जल्द ही वह जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगी.
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के सूटी, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी थी और कई अन्य घायल हुए थे.
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