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एसआइआर फॉर्म भरने के बाद भी वोटर लिस्ट में नाम नहीं? जानिये क्या करें और कब जायें कोर्ट

भारत में चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाता है. यदि आपने इस दौरान अपना नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन फिर भी आपका नाम फाइनल वोटर लिस्ट से गायब है, तो घबरायें नहीं.

कोलकाता.

भारत में चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाता है. यदि आपने इस दौरान अपना नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन फिर भी आपका नाम फाइनल वोटर लिस्ट से गायब है, तो घबरायें नहीं.

इस संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवब्रत उपाध्याय ने प्रभात खबर के ऑनलाइन सवालों का जवाब देते हुए बताया कि सबसे पहले बीएलओ से संपर्क करें. जैसे ही आपको पता चले कि आपका नाम सूची में नहीं है, तुरंत अपने स्थानीय बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) से मिलें. उन्हें अपनी समस्या बतायें और आधार कार्ड या निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज दिखायें. यदि ड्राफ्ट रोल फाइनल होने से पहले आप संपर्क करते हैं, तो बीएलओ स्तर पर ही सुधार संभव है. उच्च अधिकारियों से शिकायत यदि बीएलओ स्तर पर सुनवाई न हो, तो सीधे जिले के ईआरओ या जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) के कार्यालय में लिखित शिकायत दें. आमतौर पर अदालतें मतदाता सूची की प्रशासनिक गलतियों में सीधे हस्तक्षेप करने से बचती हैं. हालांकि, यदि आपकी सभी अपीलों के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही साबित होती है या आपके संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है, तो आप उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं. आप संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका दायर कर सकते हैं. सवाल : एक व्यक्ति ने दान पत्र के माध्यम से रैयती जमीन ली है. उस पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी बना लिया है. वर्तमान में घर सहित जमीन बेच रहा है. क्या उस जमीन को ले सकता हूं?

-राहुल कुमार साव, कांचरापाड़ा

अधिवक्ता की सलाह : अधिनियम के तहत रैयती जमीन की खरीद-बिक्री का प्रावधान नहीं है. दान पत्र में जिसने जमीन ली थी और सरकारी राशि से घर बनाकर बेच रहा है, उस जमीन को लेना इस अधिनियम के तहत सही नहीं है. जमीन का मूल मालिक केस कर कभी भी जमीन से बेदखल कर सकता है.

सवाल : मैंने ऑनलाइन शेयर सलाहकार की सलाह पर कुछ शेयर खरीदे, जिससे मुझे भारी नुकसान हुआ. शेयर सलाहकार ने बहुत बड़ी फीस ली और मुझे अच्छे रिटर्न का वादा किया था. अब मैं क्या करूं?

-विवेक राठी, गरियाहाट

अधिवक्ता की सलाह : इस प्रकार से शेयर सलाहकारों के प्रति मीडिया, राज्य व केंद्र सरकार हमेशा जागरूक करते रहते हैं. कभी भी अपंजीकृत एजेंट की सलाह के अनुसार किसी भी शेयर में निवेश न करें, शेयर में लाभ और हानि पूरी तरह से जोखिम भरा व्यवसाय है, इसलिए यदि एजेंट आपसे बहुत बड़ी राशि का वादा करता है और आपसे रुपये लेता है, तो आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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