जवाब के इंतजार में है फिश इम्पोर्ट्स एसोसिएशन
कोलकाता.बांग्लादेश सरकार ने वर्ष 2012 में घरेलू मांग के कारण हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि इसके बाद वर्ष 2019 में दुर्गापूजा से पहले बांग्लादेश सरकार बतौर उपहार भारत को हिल्सा भेज रही है. यह सिलसिला अब भी जारी है. प्रत्येक साल बांग्लादेश सरकार पद्मा नदी की हिल्सा मछली बंगाल भेजती है. इस बार भी फिश इम्पोर्टस एसोसिएशन की ओर से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार और बांग्लादेश के पूर्व विदेश सचिव मोहम्मद तौहीद हुसैन को पत्र लिख कर हिल्सा मछली भेजने की गुजारिश की गयी है. हालांकि इस संबंध में वहां की सरकार की ओर से अब तक जवाब नहीं आया है, लेकिन एसोसिएशन को विश्वास है कि हमेशा की तरह बंगाल के लोगों को पद्मा नदी की स्वादिष्ट हिल्सा मछली खाने को मिलेगी.
एसोसिएशन के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने बताया कि पत्र भेजा गया है. उन्होंने कहा : हम सभी उनके जवाब के इंतजार में हैं. उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हिल्सा मछली कम मात्रा में बंगाल पहुंच रही है. वर्ष 2022 में वहां की सरकार ने 2900 मीट्रिक टन मछलियां भेजने की बात कही थी, लेकिन 1300 मीट्रिक टन ही मछलियां हावड़ा थोक मछली बाजार में पहुंचीं.
पिछले वर्ष भी कुछ ऐसा ही रहा. बांग्लादेश सरकार ने 2420 मीट्रिक टन मछलियां भेजने पर मुहर लगायी थी, लेकिन सिर्फ 577 मीट्रिक टन ही मछलियां पहुंचीं. एसोसिएशन की ओर से अपील की गयी है कि इस बार ऐसा नहीं हो, क्योंकि यहां हिल्सा मछली की मांग बहुत ज्यादा है.
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