कोलकाता. इंडियन जूट मिल एसोसिएशन (आइजेएमए) ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस क्षेत्र में ‘गहराते संकट’ को दूर करने के लिए दखल देने की मांग की है. इसके साथ ही आइजेएमए ने चेतावनी दी है कि कीमतों को अलाभप्रद तरीके से एक निश्चित स्तर तक रोके जाने के कारण राज्य की आधी से ज्यादा मिलें मार्च 2026 तक बंद हो सकती हैं. श्रम मंत्री मलय घटक को तीन दिसंबर को लिखे एक पत्र में आइजेएमए ने कहा कि इस संकट से इस क्षेत्र की स्थिरता और मिलों में सीधे तौर पर काम करने वाले दो लाख से ज्यादा कामगारों की रोजी-रोटी को खतरा है. आइजेएमए ने कहा कि जूट आयुक्त की 15 सितंबर की अधिसूचना ने इस क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है. अधिसूचना में अक्तूबर के लिए 580-ग्राम ‘बी ट्विल बैग’ की कीमत सितंबर 2025 के स्तर पर और ‘उसके बाद अनिश्चित काल के लिए’ रोक दी गयी थीं. जूट संघ ने जूट आयुक्त कार्यालय पर सीसीइए के तय मूल्य निर्धारण के तरीके को छोड़ने और बढ़ती आदान लागतों, कच्चे जूट की घटती-बढ़ती कीमतों और कोर्ट के निर्देशों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
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