कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी ने समावेशी परिसर की ओर पहला कदम बढ़ाते हुए दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए नयी पहल की है. दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए टैक्टाइल पाथ (जिस पर नेत्रहीन लोगों को चलने में सुविधा हो) बनाया जायेगा. दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए 200 मीटर लंबा मार्ग बनाया जायेगा. विद्यार्थियों ने इस प्रयास की सराहना की है. स्पर्शनीय फ़र्श अथवा टैक्टाइल पाथ दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए बिछायी गयी बनावट वाली ग्राउंड सरफेस संकेतक प्रणाली है, जो उनको उस पर आराम से चलने का संकेत देगी. विश्वविद्यालय तीन जल निकायों के किनारे स्पर्शनीय मार्ग बिछा रहा है. यह काम मार्च में शुरू हुआ था. जेयू के एक अधिकारी ने कहा कि छात्र गेट नंबर 4 से कैंपस में प्रवेश करने के बाद ड्राइववे के साथ विशेष रूप से विकसित सतह का उपयोग कर सकते हैं. कुछ दृष्टिबाधित छात्रों ने इस प्रयास की सराहना की लेकिन यह भी बताया कि नया रास्ता विशाल कैंपस के केवल एक छोटे से हिस्से को कवर करता है. एक सप्ताह पहले पूर्व वासी भास्कर गुप्ता ने कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी योजना के तहत दिये गये फंड से 200 मीटर का वॉकवे बना सकते हैं. एसबीआई के पैसे से विश्वविद्यालय तीन जल निकायों का जीर्णोद्धार कर रहा है और स्पर्शनीय सतह बिछा रहा है. इस पहल से जुड़े जेयू के प्रोफेसर दीपक केश ने कहा कि कैंपस को सुंदर बनाने के साथ-साथ हम अपने दृष्टिबाधित छात्रों की आवश्यकताओं को नहीं भूल सकते, जो कैंपस का अभिन्न अंग हैं. फोरम फॉर स्टूडेंट्स विद डिसेबिलिटी के मोनजीत कुमार राम ने कहा कि उन्होंने कैंपस के चारों ओर ऐसे रास्ते बनाने की मांग की थी.
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