कोलकाता.
पश्चिम बंगाल सरकार ने उत्तर बंगाल के बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए विशेष पहल शुरू करने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने जलपाईगुड़ी में तीस्ता नदी से गाद की सफाई कराने का फैसला किया है और पश्चिम बंगाल सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा यह काम शुरू किया जायेगा और इससे नदी का पुराना मार्ग बहाल किया जायेगा. राज्य सरकार ने मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमडीटीसी) को यह जिम्मेदारी सौंपी है. बताया गया है कि गाद निकालने के बाद जो मिट्टी और बालू बरामद होगा, उसे बेचकर सरकार राजस्व जुटायेगी.राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, मानसून खत्म होते ही यह उत्खनन कार्य शुरू किया जायेगा. सिंचाई विभाग का मानना है कि इससे तीस्ता नदी को उसके पुराने मार्ग पर बहाल करना संभव होगा. राज्य सरकार ने पहले चरण में तीस्ता नदी के सेवक से माल, राजगंज, सदर प्रखंड होते हुए मैनागुड़ी तक 60 किलोमीटर नदी की खुदाई का जिम्मा एमडीटीसीएल को दिया है. सिक्किम में आने वाले आपदाओं के कारण रेत, गाद और पत्थरों की परत जमने से तीस्ता नदी की गहराई कम हो गयी है. यदि गाद हटा दी जाये तो उन समस्याओं से राहत मिलेगी. पश्चिम बंगाल सरकार ने यह कार्य शुरू करने से पहले विशेषज्ञों से अध्ययन कराया था. विशेषज्ञों की राय के बाद ही तीस्ता में ड्रेजिंग की मंजूरी दी गयी है.बताया जाता है कि तीस्ता नदी का रास्ता हर साल बाढ़ के कारण बदल जाता है. इसलिए तीस्ता के आस-पास के इलाकों को बचाने के लिए गाद हटाने का काम शुरू होने वाला है. मालूम हो कि पश्चिम बंगाल सरकार की एमडीटीसीएल (खनिज विकास और व्यापार निगम लिमिटेड) सिंचाई विभाग की देखरेख में तीस्ता नदी की ड्रेजिंग करेगी. तीस्ता नदी में बाढ़ आने से जलपाईगुड़ी जिले को सबसे अधिक नुकसान होता है. इसलिए राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल की जीवनदायिनी तीस्ता नदी को बचाने के लिए गाद हटाने का काम शुरू करने का फैसला किया है.
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